मुंबई। बैंकों के फंसे हुए कर्ज को वसूलने और डिफॉल्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में रिजर्व बैंक ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। आरबीआई ने मंगलवार को जारी बयान में बताया कि उसकी आंतरिक सलाहकार समिति ने सबसे ज्यादा एनपीए वाले 500 खातों की पहचान की है, जिनके खिलाफ इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश की जाएगी।
यही नहीं इस मीटिंग के दौरान एक चौंकाने वाला आंकड़ा यह भी सामने आया कि 12 खाताधारकों के पास ही कुल एनपीए का 25 पर्सेंट हिस्सा बकाया है। यानी 12 खाताधारकों ने ही कुल कर्ज का एकचौथाई हिस्सा दबा रखा है।आरबीआई की समिति ने इन लोगों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से दिवालियेपन से निपटने के लिए बने कानून के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश की।
आरबीआई ने कहा कि बैंकों को अन्य डिफॉल्टर्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए छह महीने के भीतर प्लान तैयार करने को कहा गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि समिति की सिफारिशों के आधार पर डिफॉल्टर के तौर पर पहचाने गए खाताधारकों के खिलाफ इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।
इन केसों को नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में प्राथमिकता के साथ चलाया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसे डिफॉल्टर्स के खिलाफ कार्रवाई का पूरा फ्रेमवर्क जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि सोमवार को ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि रिजर्व बैंक बड़े डिफॉल्टरों की सूची तैयार करने में जुटा है और उनके खिलाफ इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्रवाई की जाएगी।