जीडीपी का आधार वर्ष बदलने की तैयारी में सरकार

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    नई दिल्ली।केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय जीडीपी के आधार वर्ष को 2011-12 से बदलकर 2017-18 करने की तैयारी कर रहा है। मंत्रालय के मुताबिक घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण और श्रमबल के आंकड़ो की गणना पूरी हो जाने के बाद 2018 के अंत तक यह काम कर लिया जाएगा।

    केंद्रीय सांख्यिकी मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘मेरे मंत्रालय ने राष्ट्रीय लेखे-जोखे के आंकड़ों के लिए आधार वर्ष बदलकर 2017-18 करने की योजना बनाई है। इस काम के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।’गौड़ा मोदी सरकार के 3 साल का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर अपने मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में बता रहे थे।

    आधार वर्ष बदलने के मुद्दे पर मुख्य सांख्यिकीविद टी.सी.ए. अनंत ने कहा, ‘ रोजगार सर्वेक्षण और पारिवारिक उपभोग खर्च के आंकडे़ प्राप्त हो जाने के बाद आधार वर्ष को बदलने का काम किया जा सकता है। आधार वर्ष बदलने के मामले में ये आंकडे़ बहुत जरूरी इनपुट हैं।’इसके अलावा अनंत ने चालू तिमाही अप्रैल-जून के दौरान अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद जताई है।

    उन्होंने कहा कि मॉनसून की बेहतर स्थिति और नीतिगत उपायों के चलते अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। अनंत ने कहा कि नए श्रमबल सर्वेक्षण और घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण के आंकडे़ 2018 में उपलब्ध हो जाएंगे।