दिल्ली/जयपुर।दो दिन चले बैठकों के दौर के बाद ये तय हो गया कि अशोक गहलोत (67) राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे। सचिन पायलट (41) डिप्टी सीएम होंगे। इसके साथ ही वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी बने रहेंगे। शुक्रवार दोपहर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ दो घंटे से ज्यादा बैठक की।
इसके बाद राहुल ने पायलट और गहलोत की तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा- राजस्थान की एकजुटता का रंग। कांग्रेस नेता शुक्रवार शाम 7 बजे राज्यपाल कल्याण सिंह से मुलाकात करेंगे। गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर पर बैठकों का दौर चलता रहा। मध्यप्रदेश को छोड़कर छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्रियों के नाम देर रात तक तय नहीं हो पाए थे। नामों के ऐलान से पहले यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राहुल से मिलने उनके घर पहुंचीं। प्रियंका वाड्रा भी बैठक में मौजूद रहीं।
गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया
गहलोत 1998 और 2008 में राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। छात्र राजनीति से करियर शुरू करने वाले गहलोत ने पहला विधानसभा चुनाव 26 साल की उम्र में 1977 में लड़ा था। यह चुनाव वे हार गए थे। लेकिन, 1980 में कांग्रेस के विघटन के वक्त संजय गांधी ने गहलोत को टिकट दिया और वे जोधपुर से सांसद बने।
इंदिरा ने उन्हें पहली बार सांसद बनने पर ही युवा कोटे से केंद्रीय मंत्री बनाया था। गहलोत राजीव के भी खास रहे। 1985 में राजीव ने 34 साल के युवा गहलोत को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर सबको चौंका दिया। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद गहलोत ही उनके सबसे विश्वसनीय महासचिव हैं।
अशोक गहलोत- सबसे बड़ी ताकत
दो बार सीएम, गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों यानी इंदिरा, राजीव और राहुल के साथ काम किया।
गहलोत दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 1998 से 2003 और 2008 से 2013 के बीच।
चार बार सांसद और दो बार केन्द्रीय मंत्री। दो बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
गहलोत ने गुजरात, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को नया रूप दिया। चुनावी रणनीति पर काम किया।
कुल मिलाकर- अनुभवी चेहरे के नाम पर पार्टी में सबसे आगे हैं।