जैविक फल-सब्जी कर आत्मनिर्भर बन रहे कैथून के किसान, देखिये वीडियो

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-दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
एक तरफ किसान अधिक से अधिक उपज लेने लिए अंधाधुंध रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग कर रहे हैं । वहीं दूसरी ओर रासायनिक खादों के लगातार उपयोग से बंजर हो रही जमीन से सबक लेते हुए खुद जागरूक और प्रगतिशील किसानों ने अब जैविक खेती की ओर रुख किया है।  कोटा से 15 किलोमीटर दूर कैथून के किसानों ने जैविक तरीके से खेती कर एक अनूठी मिसाल कायम की है।

कैथून के  प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश सुमन, प्रहलाद और महावीर प्रसाद ने हमारे चैनल LEN DEN NEWS को बताया कि वह काफी समय से जैविक फल एवं सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। कई वर्षों से वह रासायनिक खाद और कीटनाशक का बिल्कुल भी उपयोग नहीं कर रहे हैं। जैविक तरीके से वह सब्जियों का उत्पादन कर बाजार में बेचते हैं तो उन्हें ज्यादा दाम मिलते हैं।

उन्होने बताया की स्वास्थ्य के लिए भी यह सब्जियां ज्यादा पौष्टिक और गुणकारी होती हैं। जो लोग इनका महत्व जानते हैं वह मुंह मांगी कीमत देने को तैयार रहते हैं।  किसान प्रहलाद की तो बात ही निराली है। पारिवारिक बटवारे में उसे मात्र डेढ़ बीघा जमीन मिली थी। उसी जमीन पर उसने वैज्ञानिक तरीके से खेती की और उसकी उपज से मुनाफा कमाकर ट्रैक्टर खरीद लिया। उसका कहना है उसके ऊपर न बैंक का कर्जा है और न किसी और का।

किसान ओमप्रकाश का कहना है वह जैविक तरीके से फल एवं सब्जियों का उंत्पादन करते हैं। पौध तैयार कर बेचते हैं। यहाँ तक कि बच्चों के जन्मदिन पर उनके अभिभावकों को पौधे लगाने को भी प्रेरित करते हैं। बच्चों के जन्मदिन पर भी वह पौधे ही गिफ्ट करते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी ओमप्रकाश पेशे से भले ही किसान हैं, परन्तु गायत्री परिवार से जुड़े होने के कारण बिना हवन -पूजन के घर के बाहर नहीं निकलते हैं।

ओमप्रकाश कवि भी हैं। उनका लक्ष्य हर वर्ष एक लाख पौधे तैयार कर जरूरतमदों का बांटना हैं.  इतना ही नहीं वह जड़ी-बूटियों के भी विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कैथून अस्पताल परिसर में औषधीय पौधे लगा रखे हैं, जिनकी देखभाल भी खुद ही करते हैं। देखिये वीडियो-