पुणे। संदिग्ध हैकरों ने यहां से कॉस्मोस बैंक से 94.42 करोड़ रुपये उड़ा लिए, जिसे अलग-अलग घरेलू और विदेशी बैंकों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए। यह बैंक देश का दूसरा सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा कोऑपरेटिव बैंक है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
11 अगस्त और 13 अगस्त को कनाडा, हॉन्ग कॉन्ग और भारत के कुछ एटीएम समेत कुल 25 एटीएम से फर्जी तरीके से ट्रांजैक्शन किए गए। बैंक का कहना है कि यह साइबर हमला उसके कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) पर नहीं हुआ है, बल्कि वीजा और रुपे डेबिट कार्डों के पेमेंट गेटवे को निशाना बनाा गया है।
बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि इस साइबर हमले से किसी भी कस्टमर को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा, पूरे नुकसान को बैंक खुद वहन करेगा। कॉस्मोस बैंक से अधिकारियों द्वारा चतुरशृंगी पुलिस थाने में लिखवाई गई एफआईआर के अनुसार, बैंक 2 बार शनिवार और रविवार को साइबर हमले का शिकार हुआ।
शिकायत में कहा गया है कि पहला हमला 11 अगस्त को दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच हुआ, जबकि 13 अगस्त को साइबर हमला सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब हुआ। इससे बैंक के गणेशखंड मार्ग स्थित मुख्यालय में काम प्रभावित हुआ।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि साइबर हमले के दौरान बैंक के मुख्यालय के सर्वर से हमलावरों ने ग्राहकों के वीजा और रुपे डेबिट कार्ड की जानकारियां भी उड़ा ली। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, हैकर्स ने 12,000 वीजा कार्ड ट्रांजैक्शन के माध्यम से 78 करोड़ रुपये हॉन्ग कॉन्ग समेत अन्य देशों के बैक खातों में भेज दिए।
पुलिस ने बताया कि 2.50 करोड़ रुपये की रकम को 2,849 ट्रांजैक्शंस के माध्यम से देश के विभिन्न बैंकों के विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। इससे पहले कि बैंक इन हमलों पर कुछ कर पाता।
हैकरों ने सोमवार (13 अगस्त) को ताजा हमले में स्विफ्ट ट्रांजैक्शन के माध्यम से 13.92 करोड़ रुपये हॉन्ग कॉन्ग की हैंगसेंग बैंक के एएलएम ट्रेडिंग लिमिटेड के खाते में स्थानांतरित कर दिए और उसके तुरंत बाद उस रकम को खाते से निकाल लिया गया।