21 करोड़ डॉलर के भुगतान पर होगा स्नैपडील और फ्लिपकार्ट का विलय

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    मुंबई।  तीन माह के दौरान 15 बैठकों और 21 करोड़ डॉलर के भुगतान पर सहमति के बाद देश की दो प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों स्नैपडील और फ्लिपकार्ट के बीच विलय की योजना परवान चढ़ती नजर आ रही है। जापानी दूरसंचार दिग्गज सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में स्नैपडील के विलय की कवायद की है। यह सौदा स्नैपडील के करीब 1 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर हो रहा है, जबकि पिछले साल कंपनी का रिकॉर्ड मूल्यांकन 6.5 अरब डॉलर था।

     इस सौदे के बारे में अगले 72 घंटों में कभी भी घोषणा की जा सकती है। इस सौदे की अंतिम बाधा स्नैपडील के शुरुआती निवेशक नेक्सस वेंचर पार्टनर्स की ओर से थी, जिसने प्रस्तावित सौदे के खिलाफ वीटो अधिकार का इस्तेमाल किया था। कंपनी की सबसे बड़ी निवेशक सॉफ्टबैंक, नेक्सस को अपने पाले में करने में विफल रही।

    हालांकि गुरुवार को घोषणा की गई कि नेक्सस स्नैपडील और फ्लिपकार्ट के विलय पर सहमत हो गया है। हालांकि इस सौदे की रकम का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि नेक्सस को स्नैपडील से बाहर निकलने के लिए करीब 8 करोड़ डॉलर मिलेंगे। इनमें नकद और विलय के बाद बनने वाली इकाई के शेयर, दोनों शामिल हैं।

    समझा जाता है कि स्नैपडील के संस्थापकों कुणाल बहल और रोहित बंसल को एकीकृत कंपनी में कोई शेयर नहीं दिया जाएगा। बहल और बंसल की कंपनी में करीब 6.5 फीसदी हिस्सेदारी है और विलय से उन्हें 6 करोड़ डॉलर मिल सकते हैं। संस्थापकों की कुल हैसियत फिलहाल 35 करोड़ डॉलर (2,300 करोड़ रुपये) है।

    इस सौदे के बाद उनकी हैसियत 40 करोड़ डॉलर से अधिक हो सकती है। सॉफ्टबैंक द्वारा 21 करोड़ डॉलर के भुगतान से स्नैपडील के संस्थापकों और शुरुआती दौर के निवेशकों कलारी कैपिटल तथा नेक्सस को भुगतान किया जाएगा। कलारी को करीब 7 करोड़ डॉलर मिल सकते हैं। हालांकि नेक्सस ने इस सौदे पर सहमति जता दी है लेकिन सौदे की शर्तों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

    स्नैपडील की ओर से सौदे को हरी झंडी मिलने के बाद सॉफ्टबैंक द्वारा टाइगर ग्लोबल के साथ बातचीत शुरू करने की उम्मीद है। टाइगर ग्लोबल फ्लिपकार्ट की निवेशक है। माना जा रहा है कि वास्तविक विलय में थोड़ा समय लगेगा। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘फ्लिपकार्ट इसमें कम से कम एक माह ले सकती है।’ सॉफ्टबैंक स्नैपडील के निवेशकों को अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए राजी करने के लिए दिग्गज अधिकारी कबीर मिश्रा को लेकर आई थी।