नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में फ्रॉड कर भागे नीरव मोदी के 7,000 करोड़ रुपए के एसेट्स की तत्काल जब्ती के लिए मुंबई की स्पेशल कोर्ट में जाने का फैसला किया है। यह जब्ती हाल ही में लागू हुए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत की जाएगी।
ED नीरव मोदी को भगोड़ा कैटेगरी में रखने के लिए आधिकारिक घोषणा किए जाने की मांग भी करेगा। यह मांग मुंबई के स्पेशल कोर्ट में ED द्वारा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत पिछले हफ्ते दायर की गई चार्जशीट के आधार पर की जाएगी।
24 मई को ED ने 13,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के PNB फ्रॉड केस में पहली चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में ED ने 24 लोगों को आरोपी करार दिया है। इनमें नीरव मोदी समेत उनके पिता, भाई नीशाल मोदी, बहन पूर्वी मोदी, पूर्वी के पति मयंक मेहता और डिजाइनर ज्वैलर्स फर्म मेसर्स सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टैलर डायमंड्स और डायमंड्स R Us शामिल हैं।
ED ने अपनी चार्जशीट में कहा कि नीरव मोदी और अन्य लोगों द्वारा फर्जी कंपनियों के जरिए विदेश में 6,400 करोड़ रुपए से ज्यादा के बैंक फंड का इस्तेमाल किया गया। बता दें कि नीरव मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। साथ ही नीरव मोदी को दुनिया में कहीं भी गिरफ्तार किए जाने को लेकर वारंट जारी करने के लिए ED ने इंटरपोल से भी कॉन्टैक्ट किया है।
एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, कोर्ट द्वारा 12,000 पेजों की इस चार्जशीट पर सोमवार को विचार किए जाने की उम्मीद है। वहीं ED की ओर से काउंसिल नीरव मोदी के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के प्रावधान अमल में लाने और उनके भारत और विदेश में मौजूद सभी एसेट्स की तत्काल जब्ती की मंजूरी मांगेगी।
मेहुल चौकसी के खिलाफ भी होगा एक्शन
ED अपनी दूसरी चार्जशीट दायर करने के बाद नीरव मोदी के मामा और ज्वैलर मेहुल चौकसी और उनके कारोबारों के खिलाफ भी इसी तरह का एक्शन लेगा। बता दें कि PNB फ्रॉड केस में मेहुल चौकसी भी शामिल हैं और इस वक्त नीरव मोदी और मेहुल चौकसी दोनों देश से बाहर हैं। नीरव मोदी के अलावा ED भगौड़े शराब व्यवसायी विजय माल्या के खिलाफ भी यही कार्रवाई करने वाला है। माल्या के खिलाफ ED और CBI पिछले साल ही चार्जशीट दायर कर चुके हैं।
मौजूदा कानून में केस ट्रायल खत्म होने से पहले नहीं हो सकती जब्ती
ED ने बड़े घोटाले कर देश से बाहर भाग जाने वाले और बैंक लोन डिफॉल्टर्स को नए कानून के तहत नोटिफाई किए जाने को लेकर काम शुरू कर दिया है। PMLA के कानून के तहत अभी ED केवल तभी एसेट्स की जब्ती कर सकता है, जब किसी केस की सुनवाई पूरी तरह खत्म हो जाए। ऐसा होने में आम तौर पर कई साल लग जाते हैं।