नई दिल्ली। देश के 80 फीसदी एक्सपोर्टर्स का जीएसटी रिफंड बीते सात महीने से अभी तक अटका हुआ है। छोटे एक्सपोर्टर्स को फंड्स समस्या इतनी ज्यादा है कि वह नए ऑर्डर नहीं ले रहे हैं क्योंकि उनके पास ऑर्डर पूरा करने के लिए कैश नहीं है। जीएसटी सिस्टम में पहले एक्सपोर्टर्स टैक्स चुकाते हैं और उसके बाद रिफंड क्लेम करते हैं। बीते 7 महीने से रिफंड नहीं मिलने के कारण उनकी वर्किंग कैपिटल की समस्या बड़ी हो गई है।
नहीं ले रहे नए ऑर्डर
फियो के अजय सहाय ने बताया कि जीएसटी आने के बाद कैश फ्लो की समस्या बढ़ गई है जिसके कारण एक्सपोर्टर्स को नए ऑर्डर कैंसल करने पड़ रहे हैं। फियो के मुताबिक एमएसएमई को फंड्स की समस्या के कारण अपना वर्कफोर्स भी कम करना पड़ा है।
कई ऐसे एक्सपोटर्स हैं जिन्होंने फंड्स नहीं होने के कारण नए ऑर्डर मना कर दिए हैं। जीएसटी से पहले एक्सपोटर्स को ड्युटी में छूट मिलती थी लेकिन जीएसटी आने के बाद उन्हें पहले टैक्स चुकाना पड़ता है। उसके बाद चुकाए गए टैक्स का रिफंड क्लेम करना पड़ता है। इस प्रोसेस के कारण फियो के मुताबिक करीब 1.85 लाख करोड़ रुपए सरकार के पास अटके हुए हैं।
सात महीने से अटका हुआ है रिफंड
सहाय ने बताया कि एक्सपोर्टर्स से मिले फीडबैक के मुतााबिक अभी भी 80 फीसदी रिफंड पेंडिंग हैं और टैक्स अथॉरिटी इन्पुट टैक्स क्रेडिट के एप्लीकेशन भी नहीं ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एक्सपोर्टर्स अपने रिफंड को लेकर परेशान है। काफी सारे एक्सपोर्टर्स हैं जिन्हें बीते सात महीने से रिफंड नहीं मिला है। सरकार ने ई-वॉलेट लाने के लिए कहा था लेकिन वह भी 1 अप्रैल के बाद ही आएगा। ये स्कीम अभी तक सरकार ने नोटिफाई नहीं किया है।
एक्सपोटर्स हैं परेशान
एशियन हैंडीक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन राजकुमार मल्होत्रा ने बताया कि अभी तक एक्सपोटर्स का जुलाई का रिफंड मिलना शुरू नहीं हुआ है जिसके कारण एक्सपोर्टर्स का पैसा सरकार के पास ब्लॉक है। कारोबारियों को वर्किंग कैपिटल की दिक्कतें हो रही थी। एक्सपोर्टर्स कैपिटल की कमी के कारण अपने ऑर्डर समय पर पूरा करने के लिए परेशान हैं जिसके कारण वह नए ऑर्डर नहीं ले रहे हैं।
सरकार पोर्टल को करे ठीक
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) के चेयरमैन ओमप्रकाश प्रह्लाद ने कहा कि अभी तक इंडस्ट्री को रिफंड मिलना शुरू नहीं हुआ है। हैंडीक्राप्ट एक्सपोर्टर राजकुमार मल्होत्रा ने कहा कि सरकार ने भी माना है कि जीएसटी पोर्टल में प्रॉब्लम है, तो सरकार पहले इस समस्या को खत्म करे क्योंकि कस्टम के अधिकारी भी मान रहे है कि कस्टम के बिल में प्रॉब्लम नहीं है लेकिन जीएसटी पोर्टल पर आईजीएसटी के साथ मिसमैच दिखा रहा है।