रांची। चारा घोटाले से जुड़े एवं देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा व तीन पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत 16 दोषियों की सजा पर आज फैसला आ सकता है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस फैसले को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में गुरुवार को दिन में ग्यारह बजे चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी 16 लोगों की सजा की अवधि पर बहस होनी थी, लेकिन कोर्ट ने कार्यवाही शुरू होने के बाद इसके लिए दोपहर बाद 2 बजे का समय तय किया।
इसके चलते सुरक्षा कारणों के मद्देनजर आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को होतवार स्थित बिरसा मुंडा जेल से दोपहर पौने दो बजे सीबीआई अदालत में पेश किया गया। लालू के साथ इस मामले के सभी 16 अभियुक्तों को अदालत में पेश किया गया, जहां सभी की सजा की अवधि पर उनके वकीलों ने बहस की।
हालांकि, लालू की सजा की अवधि पर बहस शुरू नहीं हो सकी। उन्हें अदालत ने पौने तीन बजे के लगभग वापस न्यायिक हिरासत मे जेल भेजने के निर्देश दे दिए। इस मामले में सजा की अवधि पर अदालत ने फैसला शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
लालू की अदालत में पेशी को लेकर बिरसा मुंडा जेल से विशेष अदालत तक सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे। बाद में लालू विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत से निकल कर चारा घोटाले के दो अन्य मामलों में पेशी के लिए गए और फिर वापस बिरसा मुंडा जेल चले गए।
अदालत ने इस मामले में 22 आरोपियों में से 16 को दोषी करार देने के बाद उन्हें हिरासत में लेकर बिरसामुंडा जेल भेजने के निर्देश दिए थे। इससे पहले बुधवार को जैसे ही अदालत की कार्यवाही शुरू हुई थी, रांची बार असोसिएशन के पदाधिकारियों ने अदालत को सूचित किया था कि उनके सहयोगी बिंदेश्वरी प्रसाद का निधन हो गया है लिहाजा दोपहर बाद वकील अदालती कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे।
जिन आरोपियों को अदालत ने चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिया है, उनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा, तीन आईएएस अधिकारी तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह, पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस एवं एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी महेश प्रसाद भी शामिल हैं।