मधुवन में स्वागत द्वारों, बेडबाजों और रंगोली से हुआ प्रज्ञासागर मुनिराज का मंगल प्रवेश

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कोटा। तपोभूमि प्रणेता आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज का मंगलवार को मंगल प्रवेश छावनी जैन मंदिर से नैसर्गिक दीक्षा स्थली थेकड़ा रोड स्थित मधुवन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर भक्तों ने पूरे मार्ग को भव्य स्वागत द्वारों और रंगोलियों से सजाया। बेडबाजों की मंगल ध्वनि के साथ जैन धर्मावलंबी गुरुदेव की अगवानी कर जयकारों से मधुवन पहुंचे।

गुरुदेव ने वैशाली नगर स्थित जैन मंदिर में भगवान मुनिसुव्रतनाथ का शांतिधारा व अभिषेक कर मोक्ष कल्याणक का लड्डू चढ़ाया। मुख्य संयोजक यतीश जैन खेडावाला ने बताया कि इस आयोजन को लेकर भक्तों में अद्भुत उमंग और उत्साह देखा गया। मार्ग में अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने गुरुदेव का पादप्रक्षालन कर आशीर्वाद लिया।

इस शुभ अवसर पर तमिलनाडु स्थित अरिहंत गिरि तीर्थ क्षेत्र के भट्टारक स्वामी धवल कीर्ति भी पधारे, जिन्हें गुरुदेव ने 2 मार्च को आयोजित नैसर्गिक दीक्षा समारोह में आमंत्रित किया। चित्र अनावरण व दीप प्रज्ज्वलन का सौभाग्य आरवी जैन बसंत विहार को प्राप्त हुआ। वहीं पादप्रक्षालन का सौभाग्य बाबूलाल जैन एवं नवीन जैन लाल मंदिरवालों को मिला।

दीक्षा स्थली मधुवन की प्राकृतिक छटा में प्रवेश करते ही गुरुदेव प्रज्ञासागर ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें यहां आकर अद्भुत आनंद और आत्मिक शांति का अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि भौतिक संसाधनों से दूर, खुले आसमान के नीचे और हरे-भरे वृक्षों के मध्य इस दीक्षा महोत्सव का आयोजन होना ऐतिहासिक क्षण है। यह वातावरण चतुर्थकालीन समय की दीक्षा का स्मरण कराता है, जिसमें आत्मकल्याण के मार्ग को सुलभता से अपनाया जा सकता है।

मांगलिक कार्यक्रमों की श्रृंखला 28 फरवरी से
मुख्य संयोजक यतीश जैन खेडावाला ने बताया कि आगामी कार्यक्रमों की श्रृंखला 28 फरवरी से प्रारंभ होगी। 28 फरवरी, शुक्रवार को प्रातः 6:30 बजे भक्तिभाव से गुरूवंदना का आयोजन होगा, जिसमें श्रद्धालु भक्ति और समर्पण भाव के साथ सहभागिता करेंगे। इसके बाद दोपहर 1:00 बजे से दीक्षार्थियों की हल्दी व मेहंदी की मांगलिक क्रियाएं होंगी। जिममें महिला मण्डलों की विशेष उपस्थिती रहेगी। सांय 6 बजे गोद भराई की रस्म अदा की जाएगी।

1 मार्च शनिवार को प्रातः 9:00 बजे दीक्षार्थियों भोजन त्याग महोत्सव का आयोजन किया गया जाएगा। दोपहर 1 बजे 200 युगल जोडो द्वारा गणधर वलय विधान आयोजित किया जाएगा। सांय 6 बजे सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा दीक्षार्थियों की गोद भराई की जाएगी। 2 मार्च, रविवार को प्रातः 8:00 बजे से दीक्षार्थियों द्वारा गुरू पूजन एवं सुबह 10 बजे दीक्षार्थियों द्वारा गुरूदेव को आहार दान दिया जाएगा। दोपहर 1:00 बजे से दीक्षा संस्कार प्रारंभ किया जाएगा, जिसमें दीक्षार्थियों को आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर करने की विधि संपन्न होगी।