जयपुर। Rajasthan Budget: राजस्थान में करीब 9 लाख से ज़्यादा सरकारी कर्मचारी और लगभग पौने चार लाख पेंशनर हैं। इन कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर बजट में सरकार के कर राजस्व का लगभग 90% पैसा खर्चा होता है। इस बजट को सरकार अलग ही रखती है। मासिक वेतन के अलावा सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा पेंशन देने में भी जाता है।
इसके अलावा कर्मचारियों को इस बार के बजट से बहुत उम्मीद हैं। अगर साल 2024-25 के बजट की बात की जाए तो सरकार ने 78340.85 करोड़ रुपए कर्मचारियों के वेतन के लिए रखे थे। जनवरी 2025 तक इसमे्ं से करीब 59137.20 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके थे।
कर्मचारी यूनियन के नेता बोल रहे हैं कि बजट में अगर सरकार कुछ सौगात देना चाहती है तो वेतन की विसंगतियों को दूर किया जाए। इस मसले पर वित्त मंत्री दीया कुमारी ने भी कर्मचारियों से सुझाव लिए थे। इसमें कर्मचारी संगठनों ने साफ तौर पर कहा है कि खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में बनी वेतन विसंगति परीक्षण समिति ने सरकार के इशारों पर काम किया है। कर्मचारी चाहते हैं कि कमेटी की रिपोर्ट में एसीपी को बदला गया था। अब बजट में उस गलती को ठीक किया जाना चाहिए।
वैसे बजट के खर्चे को देखा जाए तो कर्मचारियों की पेंशन पर 2024-25 के बजट में 29012.06 करोड़ खर्चे का प्रस्ताव रखा गया था। इसमें से जनवरी तक 24934.26 करोड़ रुपए खर्च हो चुके थे। कर्मचारी पेंशन और जीपीएफ के खातों की राशि को लेकर भी मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि बजट में पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) में जमा नेशनल पेंशन स्कीम की राशि को GPF खातों में डाला जाए। यह राशि 37 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है।
महिला कर्मचारी भी दीया कुमारी के सामने अपनी अर्जी लगा चुकी हैं। संविदा में काम करनी वाली महिला कर्मचारी चाहती हैं कि उनको सरकार प्राथमिकता दे और पक्का करे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगनी और स्वास्थ्य विभाग की नर्सिग महिला कर्मचारी भी नर्सिग निदेशालय की मांग कर रही हैं।