नई दिल्ली। सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान की कोटा मंडी में नई सरसों की थोड़ी-बहुत आवक शुरू होने की सूचना है लेकिन इसका भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे रहा। सरसों का एमएसपी 2023-24 सीजन के 5650 रुपये प्रति क्विटल से 300 रुपए बढ़ाकर 2024-25 सीजन के लिए 5950 रुपए प्रति क्विटल निर्धारित किया गया है। आमतौर पर 25-31 जनवरी वाले सप्ताह के दौरान देश की अधिकांश मंडियों में सीमित कारोबार के साथ सरसों का भाव नरम रहा।
42% कंडीशन सरसों: इसके तहत 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का मूल्य दिल्ली में 6050 रुपए से फिसलकर 6000 रुपए प्रति क्विटल तथा जयपुर में 6200 रुपए प्रति क्विटल से घटकर 6050 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया था। सामान्य औसत क्वालिटी वाली सरसों की कीमत भी नरम रही। आगामी समय में सरसों की आपूर्ति बढ़ती जाएगी।
सरसों तेल: सरसों की कीमतों में आई नरमी के कारण सरसों तेल का दाम भी नीचे गिर गया। इसमें मांग का अभाव देखा जा रहा है। दिल्ली में एक्सपेलर का भाव 30 रुपए गिरकर 1260 रुपए प्रति 10 किलो तथा चरखी दादरी में 1290 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया। कच्ची घानी सरसों तेल का दाम भी कमजोर रहा। वस्तुतः तिलहन तेल बाजार में अभी सुस्ती का माहौल देखा जा रहा है। खाद्य तेल पर बुनियादी आयात शुल्क में पिछले साल की गई 20 प्रतिशत बिंदु की बढ़ोत्तरी का कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है बाजार में तेजी के बजाए नरमी का ही रुख देखा जा रहा है।
आवक: समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में 1.40 से 2.00 लाख बोरी के बीच सरसों की आवक दर्ज की गई जबकि प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है।
बिजाई: हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष सरसों के बिजाई क्षेत्र में काफी गिरावट आई है और इसका उत्पादन भी घटने की संभावना है लेकिन जब नए माल की जोरदार आपूर्ति शुरू होगी तब कीमतों पर स्वाभविक रूप से असर पड़ेगा। सरसों खल एवं डीओसी में भी कारोबर सुस्त देखा जा रहा है।