जयपुर। Regulation bill on coaching institutes: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में मंत्रिमण्डल की बैठक हुई। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रदेश में संचालित कोचिंग केन्द्रों पर प्रभावी नियंत्रण करने और इनमें पढ़ रहे विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (कंट्रोल एण्ड रेगुलेशन) बिल-2025 के प्रस्ताव पर कल स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
उन्होंने बताया कि यह विधेयक केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, राज्य की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए एवं विभिन्न स्टेक होल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के अनुसार ही तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि कोचिंग सेन्टर्स की व्यवस्था को और ज्यादा पारदर्शी बनाए जाने के लिए राज्य स्तरीय पोर्टल एवं विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए चौबीस घंटे हेल्पलाइन भी स्थापित की जाएगी।
पटेल ने कहा, ‘सरकार का यह मानना है कि हमारे राजस्थान में जो कोचिंग हब बन रहा है, वह कोचिंग हब इसी तरह से चलता रहे। हमारे कोचिंग सेंटर पनपें, फले-फूलें, विद्यार्थियों को कोचिंग दें और विद्यार्थी अपने जीवन में खूब तरक्की करें। परन्तु इस इंस्टीट्यूशन में जो मानसिक दबाव स्टूडेंट्स पर पड़ रहा है, उससे अगर वो लास्ट स्टेज पर पहुंचकर वो आत्महत्या कर लेते हैं, सुसाइड कर लेते हैं, वो ठीक नहीं हैं। कोचिंग सेंटर्स को रेगुलेट करने के लिए आज बिल लाए हैं, और इसे विधानसभा में पेश करने के बाद ही यह एक्ट बनेगा।’
यह हैं बिल की मुख्य बातें
आगे उन्होंने बताया, ‘मोटे-मोटे तौर पर जहां 50 या उससे ज्यादा विद्यार्थी हैं, उनका रजिस्ट्रेशन जरूरी है, जिला लेवल की कमेटी उनका रजिस्ट्रेशन करेगी। एक बार शुद्ध वातावरण में इंस्टीट्यूट चले, क्वालिफाइड ट्यूटर हो, मनोवैज्ञानिक हो, विद्यार्थी की रुचि के अनुसार प्रशिक्षण मिले, मोटे-मोटे ऐसे नियम बनाए जाएंगे। अगर वो नियमों की अवहेलना करेंगे तो पहले आर्थिक दंड लगेगा, फिर रजिस्ट्रेशन कैंसल करने का प्रावधान किया जाएगा।’