नई दिल्ली। चालू सीजन के दौरान उत्पादन केन्द्रों पर देर तक तापमान अधिक रहने के कारण धनिया की बिजाई 15/20 दिन लेट शुरू हुई थी जिस कारण से नए मालों की आवक भी विलम्ब से शुरू होगी।
आमतौर पर जनवरी माह के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की मंडियों में धनिया की आवक अच्छी होती थी लेकिन अभी तक मंडियों में 50/100 बोरी धनिया की आवक शुरू हुई है। आवक का दबाव फरवरी मध्य तक बनने के अनुमान है। राजस्थान एवं मध्य प्रदेश की मंडियों में भी आवक फरवरी माह में बनेगी।
बिजाई कम
गत सीजन में उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण इस वर्ष देश में धनिया की बिजाई गत वर्ष की तुलना में कम रहने के अनुमान लगाए गए हैं। हालांकि कृषि विभाग द्वारा गुजरात में धनिया की बिजाई लगभग गत वर्ष के बराबर होने के अनुमान लगाए गए है लेकिन मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में बिजाई का क्षेत्रफल 20/25 प्रतिशत कम रहने के समाचार मिल रहे है। उल्लेखनीय है कि दूसरे वर्ष भी धनिया बिजाई क्षेत्रफल में गिरावट आने की संभावना है।
वर्ष 2023 के दौरान देश में धनिया की बिजाई 4.95 लाख हेक्टेयर पर की गई थी जोकि वर्ष 2024 में घटकर 3.65 लाख हेक्टेयर की रह गई है। वर्ष 2025 में बिजाई 3.25/3.50 लाख हेक्टेयर रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। अभी तक उत्पादक केन्द्रों पर फसल की स्थिति अच्छी है। अनुकूल मौसम के चलते क्वालिटी एवं प्रति हेक्टेयर उत्पादकता अच्छी रहने की संभावना है।
उत्पादन अनुमान
जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2025 के लिए देश में धनिया का कुल उत्पादन 85/90 लाख बोरी के आसपास होने की संभावना है। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में उत्पादन 38/40 लाख बोरी, राजस्थान 14/15 लाख बोरी एवं मध्य प्रदेश 32/35 लाख बोरी के उत्पादन के पूर्वानुमान लगाए जा रहे हैं। गत वर्ष देश में धनिया की कुल पैदावार 1.10 करोड़ बोरी की मानी गई थी जबकि वर्ष 2023 में उत्पादन 1.60 करोड़ बोरी के आसपास माना गया था।
उपलब्धता एवं खपत
व्यापारिक सूत्रों का मानना है कि वर्ष 2025 के दौरान धनिया की उपलब्धता खपत की तुलना में कम रहेगी। जिस कारण से मंडियों में आवक घटने के साथ ही कीमतों में सुधार बनना शुरू हो जाएगा। एक अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान धनिया का 85/90 लाख बोरी उत्पादन के अलावा 35/40 लाख बोरी का बकाया स्टॉक भी माना जा रहा है। जिस कारण से कुल उपलब्धता 120/10 लाख बोरी की रहेगी। जबकि हमारी सालाना खपत एवं निर्यात को मिलाकर 135/140 लाख बोरी की आवश्यकता होती है।
तेजी-मंदी
व्यापारियों का मानना है कि हाल-फिलहाल कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि फरवरी-मार्च माह के दौरान मंडियों में धनिया की आवक अच्छी बनी रहेगी। लेकिन आवक का दबाव घटने के पश्चात कीमतों में तेजी देखी जा सकती है। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर धनिया ईगल का भाव 70/72 रुपए एवं बादामी का भाव 68/70 रुपए प्रति किलो चल रहा है। व्यापारिक धारणा है कि वर्ष 2025 में धनिया वर्ष 2022 का स्तर छू सकता है। 110/115 रुपए का हो गया था। जानकारों का मानना है कि आगामी दिनों में नए मालों की आवक का दबाव बनने पर वर्तमान कीमतों में 5/7 रुपए की गिरावट आ सकती है।
आयात
हालाकि देश में धनिया की पैदावार पर्याप्त होती है। लेकिन आयातित माल के भाव कम होने के कारण प्रति वर्ष के आयातक विदेशों में धनिया का आयात करते है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में धनिया का आयात केवल 8777 टन का हुआ था जोकि वर्ष 2022-23 में बढ़कर 31383 टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2023-24 के दौरान 28828 टन का आयात हुआ। चालू सीजन के दौरान देश में धनिया के भाव कम होने के कारण वर्ष 2024-25 में आयात कम रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
निर्यात
मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के प्रथम सात माह में धनिया का निर्यात गत वर्ष की तुलना में 55 प्रतिशत कम हुआ है। अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान धनिया का निर्यात 76848 टन का हुआ था जबकि चालू सीजन के अप्रैल-अक्टूबर – 2024 के दौरान निर्यात 34365 टन का रहा। वर्ष 2023-24 के दौरान धनिया का रिकॉर्ड निर्यात 108624 टन का हुआ था।