नई दिल्ली। EPFO Interest : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड बनाने पर विचार कर रहा है। इसके जरिए सभी तरह के उतार-चढ़ाव के बीच पीएफ खाते में जमा धनराशि पर निश्चित ब्याज दिया जा सकेगा। फंड बनाने को लेकर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ईपीएफओ के अधिकारी इंटर्नल रूप से अध्ययन कर रहे हैं। इससे देशभर में सात करोड़ ईपीएफओ के सदस्यों को फायदा होगा।
मामले से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि ईपीएफओ पीएफ फंड का कुछ हिस्सा बाजार में निवेश करता है। कई बार संगठन को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और अन्य निवेश पर कम रिटर्न मिलता है, जिसका नुकसान सीधे तौर पर ईपीएफओ सदस्यों को भी उठाना पड़ता है। खास तौर पर जब शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव होता है तो इसका असर ईपीएफओ को निवेश पर मिलने वाली धनराशि पर भी पड़ता है। कम रिटर्न की स्थिति में ईपीएफओ को पीएफ की ब्याज दरों में कटौती करनी पड़ती है।
ऐसे काम करेगी प्रस्तावित योजना
इस स्थिति से निपटने के लिए ईपीएफओ की योजना ऐसा फंड बनाने की है, जो निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को स्थिर रखेगा। इससे ईपीएफओ के सदस्यों को स्थिर दर पर ब्याज मुहैया करने में मदद मिलेगी। सूत्र बताते हैं कि प्रस्तावित योजना के तहत हर साल अर्जित ब्याज से अधिशेष को अलग करके एक रिजर्व फंड बनाया जाएगा, जिसका उपयोग किसी भी वर्ष निरंतर और स्थिर ब्याज दर सुनिश्चित करने के लिए किया जा सकता है। इससे शेयर बाजार में किसी भी स्थिति में असंगत दर में कटौती को रोकने में मदद मिलेगी। इस फैसले का लाभ देशभर में सात करोड़ ईपीएफओ के सदस्यों को मिलेगा।
अगले कुछ महीनों में फैसला संभव
फंड बनाने को लेकर चल रही बातचीत अभी प्रारंभिक दौर में है। अधिकारी कहते हैं कि अभी कई बिंदुओं को लेकर अध्ययन चल रहा है। हर चीज का बारीकी से अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट तैयार होगी, जिस पर अंतिम रूप से ईपीएफओ से जुड़ा बोर्ड निर्णय लेगा। अगर सब कुछ योजना मुताबिक रहा तो अगले चार से छह महीने में फंड बनाने पर अंतिम फैसला हो सकता है।
ब्याज दरों विचार के लिए बैठक 28 फरवरी को
वित्तीय वर्ष 2024-25 की ब्याज दरों को लेकर ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक 28 फरवरी को होगी। बैठक दिल्ली में ही होने की संभावना है, जिसकी जगह एक दो-दिन में निर्धारित होगी। सूत्र बताते हैं कि इस बार ब्याज दरों में परिवर्तन होने की संभावना सीमित है। बोर्ड ब्याज दरों को स्थिर रखने या फिर मामूल बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है। हालांकि सूत्रों ने उन अटकलों को खारिज किया है कि ईपीएफओ इस बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। कटौती की संभावना बेहद कम है।