सोया रिफाइंड तेल का कारोबार धीमा होने से सोयाबीन के भाव औंधे मुंह गिरे

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नई दिल्ली। बीच रास्ते में ही सरकारी खरीद स्थगित होने से सोयाबीन बाजार पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि सोयाबीन की कुल सरकारी खरीद बढ़कर 16.30 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची मगर फिर भी नियत लक्ष्य 33.85 लाख टन से 52 प्रतिशत कम रही।

खरीद: महाराष्ट्र में 7.80 लाख टन तथा मध्य प्रदेश में 6.22 लाख टन सोयाबीन खरीदा गया जबकि राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक एवं गुजरात जैसे राज्यों में भी इसकी खरीद हुई। महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में खरीद बंद कर दी गई है। इससे वहां कीमतों में 25- 31 जनवरी वाले सप्ताह के दौरान 25-50 रुपए प्रति क्विटल की गिरावट दर्ज की गई जबकि पहले से ही भाव कफी नीचे स्तर पर चल रहा था। आगे इसमें ज्यादा तेजी आने की उम्मीद बहुत कम है।

सोया रिफाइंड (तेल): सोया रिफाइंड तेल का कारोबार भी धीमा हो गया है जिससे इसके मूल्य में 15-20 रुपए प्रति 10 किलो की नरमी मध्य प्रदेश में तथा 30 रुपए तक की गिरावट महाराष्ट्र में दर्ज की गई। सोया रिफाइंड तेल का भाव कोटा में 10 रुपए, मुम्बई में 20 रुपए तक की गिरावट दर्ज की गई। सोया रिफाइंड तेल का भाव कोटा में 10 रुपए, मुम्बई में 20 रुपए, कांडला में 15 रुपए तथा हल्दिया में 20 रुपए नरम रहा। वैश्विक बाजार में भी क्रूड सोया तेल के दाम में मजबूती नहीं बन सकी। लेकिन ब्राजील में भयंकर बाढ़ आने तथा अर्जेन्टीना में भीषण सूखा पड़ने से सोयाबीन की फसल प्रभावित हो रही है जिसका मनोवैज्ञानिक असर आगे पड़ सकता है।

आवक: घरेलू मंडियों में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 1.50 से 3.50 लाख बोरी के बीच सोयाबीन की दैनिक आवक हुई जो समान्य से कम रही। सोयाबीन की प्रत्येक बोरी 100 किलो की होती है। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विटल नियत है जबकि बाजार भाव 4200-4300 रुपए प्रति क्विटल पर अटका हुआ है।

सोया डीओसी: सोया डीओसी में थोड़ी-बहुत मांग देखी गई जिससे कीमत में कुछ सुधार आया। इसका निर्यात प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष से बेहतर चल रहा है।