आचार्य प्रज्ञा सागर ने बताया कष्टों से मुक्ति का मार्ग, बोले आत्मा स्वतंत्र है

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मान स्तंभ में विराजमान प्रतिमाओं और मंदिर शिखर की प्रतिमाओं का आज होगा अभिषेक

कोटा। दिगंबर जैन मंदिर विज्ञान नगर में आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज ने शनिवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए आत्मा और शरीर के संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, शरीर और आत्मा का संयोग होते हुए भी, आत्मा स्वतंत्र है और शरीर से अलग है। शरीर से जुड़े कष्ट आत्मा को प्रभावित करते हैं, लेकिन भेद-विज्ञान की साधना से इन कष्टों का अंत संभव है। यही सच्चे सुख का मार्ग है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष राजमल पाटोदी ने जानकारी दी कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर आचार्य श्री के सानिध्य में सुबह 8:30 बजे राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। इसके बाद, दोपहर 1 बजे से मान स्तंभ में विराजमान आठ प्रतिमाओं और मंदिर शिखर की दस प्रतिमाओं का एक साथ अभिषेक होगा। साथ ही, नियमित अभिषेककर्ताओं का सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा।

समिति के मंत्री पी.के. हरसोरा ने बताया कि दिन की शुरुआत शांतिधारा से हुई, जिसे जिनेंद्र जैन सोनी, मनोहरथाना द्वारा संपन्न किया गया। मंगलाचरण सोनिशा नीलम और रिंकु ने प्रस्तुत किया। चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन, आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन, और जिनवाणी विराजमान करने का सौभाग्य मनोज आशीष जैसवाल को प्राप्त हुआ।
शाम को आनंद यात्रा और आरती का आयोजन किया गया, जिसने कार्यक्रम को समापन तक उल्लासपूर्ण बना दिया।