नई दिल्ली। Sugar Production In India : चालू चीनी सीजन में देश में चीनी उत्पादन में भारी गिरावट के संकेत मिलना शुरू हो गए हैं। चालू विपणन वर्ष की पहली तिमाही में चीनी उत्पादन 16 फीसदी घटकर 95.40 लाख टन ही हुआ है। जो पिछले साल की सामान अवधि से 18 लाख टन कम है।
देश में चीनी उत्पादन में गिरावट की प्रमुख वजह महाराष्ट्र में कम उत्पादन और प्रमुख उत्पादक राज्यों में 18 से ज्यादा चीनी कारखानों में पेराई नहीं होना है। उत्पादन में कमी का असर चीनी के दाम पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
देश में चीनी और बायो एनर्जी इंडस्ट्री के शीर्ष निकाय भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने 31 दिसंबर 2024 तक चीनी उत्पादन के आंकड़े जारी किये। इस्मा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2024-25 सीजन के पहली तिमाही में चीनी उत्पादन 95.40 लाख टन तक पहुंच गया है।
जबकि, पिछले साल इसी तारीख तक 113.01 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस वर्ष चालू पेराई कारखानों की संख्या 493 थी, जबकि पिछले साल इसी तिथि को 512 कारखाने चालू थे। उत्पादन के आंकड़ों में एथेनॉल बनाने के लिए चीनी के इस्तेमाल को शामिल नहीं किया गया है।
इस्मा के मुताबिक पेराई सामान्य गति से बढ़ रही है। प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में पेराई दर पिछले साल की तुलना में बेहतर रही। हालांकि, बारिश के कारण गन्ने की आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान के कारण दिसंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश में पेराई दर प्रभावित हुई। महाराष्ट्र में बीते साल की तुलना में 8 लाख टन कम चीनी उत्पादन हुआ है।
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष 2024-25 (अक्तूबर-सितंबर) की पहली तिमाही के दौरान घटकर 32.80 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 34.35 लाख टन था।
देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन एक साल पहले के 38.20 लाख टन से घटकर 30 लाख टन रह गया, जबकि कर्नाटक में उत्पादन 24.91 लाख टन से घटकर 20.40 लाख टन रह गया।
कुल चीनी उत्पादन में बीते साल की तुलना में भारी अंतर के लिए महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी मिलों के देरी से शुरू होने को जिम्मेदार माना जा सकता है। उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि अभी कारखानों में पेराई चल रही है, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावनाएं बनी हुई हैं।
लेकिन, उत्पादन कम रहा तो बाजार पर इसका असर कीमतों में बढ़ोतरी की रूप में दिख सकता है। उद्योग निकाय ने 2024-25 विपणन वर्ष में घरेलू चीनी खपत कम होकर 280 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है।
एथेनॉल बनाने में दोगुनी चीनी इस्तेमाल होगी
इस वर्ष एथेनॉल के लिए अधिक चीनी के इस्तेमाल का अनुमान जताया गया है। कहा गया है कि साल 2023-24 के दौरान 21.5 लाख टन चीनी का इस्तेमाल एथेनॉल बनाने के लिए किया गया था, लेकिन 2024-25 में 40 लाख टन चीनी का इस्तेमाल एथेनॉल के लिए किए जाने का अनुमान है। इस्मा जनवरी के अंत तक चीनी उत्पादन का अपना दूसरा अग्रिम अनुमान जारी करेगा।