कोटा। कई साल से उपेक्षित कचरा डालने के काम रहे डेजर्ट पार्क के दिन जल्द ही फिरने वाले हैं। यूआईटी 15 करोड़ रुपए से इसका विकास करेगी। इस क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण हाट बाजार को शामिल करके उदयपुर के शिल्पग्राम की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जेडीबी काॅलेज वाले छोर पर पूर्व राजमाता विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा लगाई जाएगी। प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंट भी नियुक्त कर दिया गया है।
यूआईटी अध्यक्ष आरके मेहता के अनुसार डेजर्ट पार्क एवं ग्रामीण हाट बाजार को शामिल करते हुए उदयपुर के शिल्पग्राम की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इस परिसर में शिल्पकारों, दस्तकारों एवं हस्तकला कारीगरों को पूरे साल अपने उत्पादों को बेचने एवं प्रदर्शित करने की सुविधा होगी।
हम इस प्रोजेक्ट के जरिये शिल्पकला, हस्तकला एवं दस्तकारी को प्रोत्साहन देना चाहते हैं। परिसर के एक छोर पर कैफेटेरिया का भी निर्माण किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पर्यटकों को आकर्षित करेगा, क्योंकि इसके पास ही म्यूजियम और आर्ट गैलरी हैं। इसमें कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया गया है। अब आगे की कार्रवाई चल रही है।
10 साल से डाला जा रहा है कचरा
करीब दस साल पहले तत्कालीन कलेक्टर ने शहर में रेगिस्तानी पार्क की कल्पना करके बड तिराहे के पास डेजर्ट पार्क विकसित किया था। सरकारी लापरवाही की हद ये है कि तब से इसका शुभारंभ भी नहीं हो पाया। इस कारण यहां हरियाली छा गई और डेजर्ट पार्क गुम हो गया।
अब यूआईटी प्रशासन ने इसके विकास का जिम्मा उठाया है। जब न्यास अधिकारियों ने इसकी डीपीआर बनाने का काम शुरू किया तो कलेक्टर रोहित गुप्ता ने इसमें ग्रामीण हाट बाजार को भी शामिल करके इसे कल्चरल सेंटर के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। इस पर यूआईटी ने फिर से योजना बनाई है।