गीता जयंती महोत्सव: आत्म ज्ञान से व्यक्ति अपने अज्ञान को कर सकता है समाप्त

0
6

कोटा। Gita jayanti Mahotsav: गीता सत्संग आश्रम समिति की ओर से गीता भवन में आयोजित तीन दिवसीय 64वें गीता जयंती महोत्सव का गुरूवार को समापन हुआ। महोत्सव में शरण कुमार गोस्वामी बड़ोद, स्वामी अप्रमेय प्रपन्नाचार्य महाराज प्रयागराज, स्वामी कृष्णकांत द्विवेदी नई दिल्ली के द्वारा प्रवचन किया गया।

गोस्वामी शरण कुमार ने कहा कि हर व्यक्ति को सफल जीवन और किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना करने के लिए आत्म मंथन अवश्य करना चाहिए। आत्म ज्ञान से व्यक्ति अपने अंदर के अज्ञान को समाप्त कर सकता है। साथ ही, सही और गलत में भी पहचान कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस पृथ्वी पर मन की गति सबसे तेज होती है, इसलिए हर व्यक्ति को अपने मन को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है। बच्चों को भी यह सिखाना बहुत जरूरी है कि अपने मन पर सदैव काबू रखें।

इस दौरान कार्यक्रम संयोजक भगवती प्रसाद खंडेलवाल मोरपा, अध्यक्ष राजेन्द्र खंडेलवाल, महामंत्री रामेश्वर प्रसाद विजय, उपाध्यक्ष कुंती मूंदड़ा, सह मंत्री महेंद्र कुमार मित्तल, महोत्सव समिति के सदस्य गिरिराज गुप्ता, घनश्याम गुप्ता, कृष्ण अवतार गुप्ता, रामकृष्ण बागला समेत विभिन्न लोग उपस्थित रहे।