Jeera Price: घरेलू और खाड़ी देशों की मांग से जीरा के भाव में तेजी का अनुमान

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नई दिल्ली। जीरे की कीमतों में 0.7% की बढ़ोतरी हुई और यह रुपए 23,120 प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। यह तेजी स्थिर घरेलू मांग और विशेष रूप से खाड़ी देशों से मजबूत निर्यात गतिविधियों के चलते देखने को मिली।

राजस्थान से सीमित आवक ने निकट भविष्य में आपूर्ति को तंग बनाए रखा, वहीं गुजरात में जीरे की फसल में देरी ने आपूर्ति को लेकर चिंताएं और बढ़ा दी हैं। मौसम के व्यवधानों के चलते गुजरात और राजस्थान जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में बुवाई लगभग एक महीने तक टल गई।

गुजरात के किसानों के पास अभी भी लगभग 20 लाख बोरियों का स्टॉक है, जिसमें से सीजन के अंत तक केवल 3-4 लाख बोरियों के व्यापार की संभावना है। इस कारण लगभग 16 लाख बोरियों का स्टॉक अगले सीजन में कैरी फॉरवर्ड होगा।

स्पाइस बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में भारत में जीरे का उत्पादन 11.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से बढ़कर 8.6 लाख टन हो गया, जबकि पिछले साल 9.37 लाख हेक्टेयर से 5.77 लाख टन उत्पादन हुआ था। भारतीय जीरा वैश्विक बाजार में अब भी सबसे सस्ता है, जिससे यह चीन जैसे देशों के लिए आकर्षक बना हुआ है, जहां जीरे की कीमतें भारत से $200-$250 प्रति टन अधिक हैं।

अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच जीरा निर्यात में सालाना आधार पर 70.72% की तेज वृद्धि दर्ज की गई और यह 1,65,084.40 टन तक पहुंच गया। दिसंबर 2024 में निर्यात में नवंबर 2024 की तुलना में 56.45% और दिसंबर 2023 की तुलना में 47.77% की बढ़ोतरी हुई।

तकनीकी दृष्टिकोण से बाजार में शॉर्ट कवरिंग देखी जा रही है, जिसमें ओपन इंटरेस्ट 5.73% घटकर 2,271 कॉन्ट्रैक्ट रह गया है। जीरा रुपए 22,870 पर समर्थन पा रहा है, और यदि यह स्तर टूटता है तो अगला समर्थन रुपए 22,600 पर है। ऊपर की ओर, प्रतिरोध रुपए 23,540 पर है, और यदि यह स्तर पार होता है, तो कीमतें रुपए 23,940 तक जा सकती हैं।