कोटा। Winter Wonderland 2024: राउंड टेबल इंडिया ने अपने बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम विंटर वंडरलैंड 2024 का भव्य पोस्टर रविवार को लॉन्च किया। 21 और 22 दिसंबर को सिटी पार्क में यह कार्यक्रम आयोजित होगा। इस कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजक ओरिलाइट लाइफ स्पेसेस रहेंगे।
कार्यक्रम के दौरान चेयरमैन स्वप्निल गोयल ने घोषणा की कि इस वर्ष विंटर वंडरलैंड से जुटाई गई धनराशि का उपयोग एक सरकारी स्कूल में 6 कक्षाओं के निर्माण के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा, “राउंड टेबल इंडिया शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
कार्यक्रम के आयोजक शुभदीप शर्मा ने विंटर वंडरलैंड 2024 के मुख्य आकर्षणों को साझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में बच्चों के लिए मजेदार खेल और गतिविधियां, रंगीन क्रिसमस मार्केट, मंच पर शानदार लाइव प्रस्तुतियां होंगी।
पोस्टर विमोचन में उपस्थित डॉ. साकेत गोयल ने इस नेक पहल की सराहना करते हुए टीम को शुभकामनाएं दीं। होटल फेडरेशन कोटा डिवीजन के अध्यक्ष एवं कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक महेश्वरी ने राउंड टेबल इंडिया के सामाजिक कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि युवा समाजसेवा के कार्य में आगे बढकर हिस्सा ले रहे हैं। यह बदलते भारत की नई तस्वीर है। हमें इन्हे प्रोत्साहित कर सेवाकार्यों के लिए सहयोग करना चाहिए।
चार्टड चैयरमेन अरुण मेहता ने कहा कि शिक्षा के लिए किए जा रहे ये प्रयास समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कार्यक्रम को शिक्षा के प्रति एक बड़ा कदम बताया। ओरिलाइट लाइफ स्पेसेस से ध्रुवी और सूर्या होटल्स से अन्वेषा और सूर्या ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और आयोजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
राउंड टेबल इंडिया की टीम से मुकुल, अंकित, जसकरण, राघव, शौर्य, सिद्धार्थ, अनंत, राहुल, अंशुल, प्रांशुल, और निखिल ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। विंटर वंडरलैंड 2024, जो 21 और 22 दिसंबर को सिटी पार्क कोटा में आयोजित होगा, जहां न केवल क्रिसमस का जश्न मनाएगा, बल्कि वंचित बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के उद्देश्य को भी आगे बढ़ाएगा।
होटल फेडरेशन के संभागीय अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी ने इस शानदार आयोजन का हिस्सा बनने और शिक्षा के इस नेक कार्य में अपना योगदान देने का आह्वान किया है। राउंड टेबल इंडिया का प्रयास है कि शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जाए और बच्चों के भविष्य को संवारने में मदद मिले।