कोटा। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज “इंटेक” की ओर से शनिवार को शाम को 4 बजे जोहराबाई तालाब नान्ता स्थित सकस जी महाराज के आश्रम पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
इंटेक (Indian National Trust for Art and Cultural Heritage) कोटा चैप्टर के कन्वीनर निखिलेश सेठी ने बताया कि विरासत और पर्यावरण की गंभीर चुनौतियां विषय पर विभिन्न पर्यावरणविद विचार रखेंगे। इस दौरान नान्ता के ऐतिहासिक जवाहरबाई तालाब के जीर्णोद्धार की योजना बनाई जाएगी।
को-कन्वीनर बहादुर सिंह हाड़ा ने बताया कि सरकारी उपेक्षाओं के दंश झेल रही विरासत, पर्यावरण और बदहाल जंगलों के संरक्षण और संवर्धन को सुनिश्चित करने के लिए इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज मुहिम शुरु करेगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1789 में निर्मित इस बहुउद्देशीय तालाब के पुनरुद्धार के लिए इंटेक, पिछले एक वर्ष से विभिन्न स्तरों पर संघर्ष कर रहा है। कोटा थर्मल प्लांट ने इस तालाब के वैभव को 80 के दशक में राख से भर कर नष्ट कर दिया था।
राख की बढ़ती उपयोगिता के चलते यह तालाब अब खाली हो गया, किन्तु इस दरमियान तालाब का सुंदर तटबंध पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसकी मरम्मत के लिए कोटा थर्मल प्रशासन तथा ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर से मांग की गई है।
उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में शाहबाद के जंगलों में डेढ लाख हरे वृक्षों की निर्मम कटाई पर रोक व सरकार द्वारा पेड़ों की सही गिनती बताने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही, मुकुंदरा टाइगर प्रोजेक्ट का पर्यटन की दृष्टि से समुचित विकास नहीं होने पर भी विचार किया जाएगा।