Wheat Farming: नई दिल्ली। हालांकि पिछले के मुकाबले चालू रबी सीजन के दौरान पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश में गेहूं का बिजाई क्षेत्र आगे चल रहा है मगर मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में रकबा घटने से राष्ट्रीय स्तर पर इसके कुल क्षेत्रफल में 15.5 प्रतिशत की गिरावट आ गई और 8 नवम्बर तक इसका कुल क्षेत्रफल 48.87 लाख हेक्टेयर से गिरकर 41.30 लाख हेक्टेयर रह गया।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने चालू रबी सीजन के दौरान गेहूं का कुल बिजाई क्षेत्र 336.23 लाख हेक्टेयर का अनुमान लगाते हुए इसका उत्पादन लक्ष्य 11.40 करोड़ टन निर्धारित किया है।लेकिन इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सही समय पर बिजाई होना आवश्यक है ताकि यदि फरवरी-मार्च 2025 के दौरान तापमान में ज्यादा बढ़ोत्तरी हो जाए तो उसके प्रकोप से फसल को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके।
करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान के निदेशक का कहना है कि गेहूं की बिजाई अभी आरंभ हुई है और चालू माह के अंत तक अधिकतम क्षेत्रफल में इसकी प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद है।
गेहूं का पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल इस बार 312 लाख हेक्टेयर आंका गया है। सरकार को वास्तविक रकबा इससे काफी ऊपर पहुंचने का भरोसा है।उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एक अग्रणी उत्पादक प्रान्त- मध्य प्रदेश में गेहूं का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल 8 नवम्बर तक 26.58 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया था जो इस वर्ष घटकर 10.56 लाख हेक्टेयर रह गया।
वैसे वहां आंकड़ों के नवीनीकरण में देर हो रही है। इसी तरह राजस्थान में भी गेहूं का बिजाई क्षेत्र 2.06 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.92 लाख हेक्टेयर रह गया। दूसरी ओर सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- उत्तर प्रदेश में गेहूं का बिजाई क्षेत्र 9.31 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 9.36 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 8.31 लाख हेक्टेयर से उछलकर 14.13 लाख हेक्टेयर तथा हरियाणा में 1.12 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.62 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
उत्तर प्रदेश में इस बार 101.12 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोआई करने का लक्ष्य रखा गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 12 नवम्बर 2024 तक गेहूं का उत्पादन क्षेत्र हरियाणा में बढ़कर 5 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंच गया और राजस्थान में भी यह 3 लाख हेक्टेयर को पर कर गया।