भारत ब्रांड के दूसरे चरण में साबूत चना और मसूर दाल भी शामिल, इस भाव मिलेंगी दालें

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को सब्सिडी वाली दाल आम लोगों को उपलब्ध कराने के अपने कार्यक्रम का विस्तार करते हुए ‘भारत’ ब्रांड के तहत साबूत चना और मसूर दाल को भी शामिल कर लिया। इनकी खुदरा बिक्री आम लोगों को बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के प्रयास के तहत होगी।

खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को भारत ब्रांड के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सहकारी नेटवर्क एनसीसीएफ, नेफेड और केन्द्रीय भंडार के माध्यम से साबूत चना 58 रुपये प्रति किलोग्राम और मसूर दाल 89 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर खुदरा रूप में बेची जाएगी।

जोशी ने कहा, “हम मूल्य स्थिरीकरण कोष के अंतर्गत रखे गए अपने बफर स्टॉक को सब्सिडी दरों पर बेच रहे हैं।” सरकार ने सहकारी समितियों को 3 लाख टन चना और 68,000 टन मूंग आवंटित किया है। इस अवसर पर खाद्य व उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री बीएल वर्मा और निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया उपस्थित थे।

एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक अनीस चंद्र जोसेफ ने कहा कि वितरण शुरू में दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में शुरू होगा। 10 दिनों के भीतर देशभर में इस योजना के तहत भारत ब्रांड के उत्पादों की खुदरा बिक्री की योजना है।

उन्होंने कहा, “साबुत चना को सब्सिडी वाले बिक्री कार्यक्रम के तहत शामिल किया गया है, क्योंकि इसकी भारी मांग है। हम पहुंच बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और खुदरा दुकानों के साथ बातचीत कर रहे हैं।”

इस योजना का पहला चरण अक्टूबर 2023 में शुरू किया गया था। उस दौरान सरकार की ओर से किफायती दरों पर चावल और गेहूं के आटे के साथ-साथ चना दाल, मूंग दाल और साबुत मूंग की खुदरा बिक्री की गई थी।

प्रथम चरण के तहत भारत ब्रांड के गेहूं के आटे का भाव वर्तमान में 30 रुपये प्रति किलोग्राम (27.50 रुपये से ऊपर), चावल का 34 रुपये प्रति किलोग्राम (29 रुपये से ऊपर), चना दाल का 70 रुपये प्रति किलोग्राम (60 रुपये से ऊपर) हैं, जबकि मूंग दाल और साबुत मूंग का भाव क्रमशः 107 रुपये प्रति किलोग्राम और 93 रुपये प्रति किलोग्राम है।

सरकार बाजार में बढ़ती कीमतों में दखल देने के लिए प्याज 35 रुपये प्रति किलोग्राम और टमाटर 65 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर लोगों को उपलब्ध करा रही है। केंद्रीय मंत्री ने इस वर्ष दालों के बेहतर उत्पादन की उम्मीद जताई है, क्योंकि सरकार ने दालों के समर्थन मूल्य में काफी वृद्धि की है।