नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को श्रमिकों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने परिवर्तनीय महंगाई भत्ते में संशोधन करके श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दर में इजाफा किया है। जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक केंद्र ने 1,035 रुपये प्रतिदिन तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि इस समायोजन का उद्देश्य श्रमिकों को जीवन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करना है।
केंद्र सरकार के संशोधन के बाद, क्षेत्र ‘ए’ में निर्माण, झाड़ू लगाने, सफाई, लोडिंग एवं अनलोडिंग जैसे अकुशल कार्यों में लगे श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये प्रतिदिन (20,358 रुपये प्रतिमाह) होगी। अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 868 रुपये प्रतिदिन (22,568 रुपये प्रति माह) होगी और कुशल, लिपिक और बिना हथियार वाले चौकीदारों के लिए 954 रुपये प्रतिदिन (24,804 रुपये प्रति माह) होगी। उच्च कुशल और हथियार रखने वाले कर्मियों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 1,035 रुपये प्रतिदिन (26,910 रुपये प्रति माह) होगी।
सरकार का नई मजदूरी दरें बढ़ाने का आदेश 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगा। पिछला संशोधन अप्रैल 2024 में किया गया था। बता दें, न्यूनतम मजदूरी दरों को कौशल स्तर – अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और उच्च कुशल – के साथ-साथ भौगोलिक क्षेत्र – ए, बी और सी के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। श्रम मंत्रालय ने कहा कि श्रमिकों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, केंद्र सरकार ने परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (वीडीए) में संशोधन करके न्यूनतम मजदूरी दरों में वृद्धि की घोषणा की है।
केंद्रीय क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में भवन निर्माण, लोडिंग और अनलोडिंग, निगरानी और रखवाली, झाड़ू-पोछा, सफाई, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगे श्रमिकों को संशोधित मजदूरी दरों से लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में छह महीने की औसत वृद्धि के आधार पर, वर्ष में दो बार, 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर से प्रभावी, वीडीए में संशोधन करती है।