सकल दिगम्बर जैन समाज का सामूहिक क्षमावाणी पर्व आज, प्रतिभाएं होंगी सम्मानित

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कोटा। सकल दिगम्बर जैन समाज के दशलक्षण धर्म पर्व की समाप्ति पर सामूहिक क्षमावाणी पर्व का आयोजन रविवार को किया जाएगा। अध्यक्ष विमल जैन नांता ने बताया कि ऋद्धि-सिद्धि नगर कुन्हाड़ी तक प्रातः 12.30 बजे शोभायात्रा श्रुतसंवेगी आदित्यसागर मुनिराज संघ के सान्निध्य में निकाली जाएगी।

मुनिराज रथ में सवार होकर मंदिर से जैन सभास्थल तक पहुंचेंगे। इसके बाद यात्रा शोभायात्रा सभा में परिवर्तित होगी और सामूहिक क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा। कार्याध्यक्ष जैन ने बताया कि इस अवसर पर 10 उपवास करने वाले 80 महिला/पुरुष व जैन समाज के प्रतिभावान कक्षा 10वीं व 12वीं में स्टेट बोर्ड में 90 व सीबीएसई बोर्ड में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वालों तथा इस वर्ष डॉक्टर, इंजीनियर, सीए की डिग्री प्राप्त करने व खेल की दुनिया में नाम कमाने वाले तथा विशिष्ट प्रतिभा के धनी लोगों को सम्मानित किया जाएगा।

महामंत्री विनोद जैन टोरडी तथा प्रचार मंत्री मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि दोपहर 1 बजे सभागार स्थल पर सामूहिक क्षमा मांगी जाएगी। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, शांति धारीवाल, विधायक संदीप शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश जैन मडिया की गौरवमय उपस्थिति रहेगी।

प्रकृतिशील बनोगे तभी प्रगतिशील होंगे
आदित्यसागर मुनिराज ने इस अवसर पर अपने प्रवचन में कहा कि हमें प्रयत्नशील रहना चाहिए। नई चीजों व विचारों को अपनाते रहना चाहिए, तभी हमारी प्रगति संभव है। प्रगति के लिए प्रकृतिशील होना भी जरूरी है। जो व्यक्ति अपनी प्रकृति के अनुरूप रहेगा वह सदैव आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य की प्रकृति सरल स्वभाव है। जैसे मिश्री की प्रकृति मीठा होना, नीम की कड़वी होना है, व्यक्ति अपनी प्रकृति से पहचान बनाता है। मानव का सरस स्वभाव उसकी प्रकृति है। मानव ने प्रकृति से छेड़छाड़ कर दी है। इसलिए उसे दुष्परिणाम सहने पड़ रहे हैं। प्रकृति के साथ रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे।