नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा 13 सितम्बर को खाद्य तेलों पर बुनियादी आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किए जाने का घरेलू तिलहन-तेल बाजार पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ने लगा है। सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी भाव 13-19 सितम्बर वाले सप्ताह में 50-100 रुपए तेज रहा।
केन्द्र सरकार ने भी प्रमुख आयातक राज्यों में किसानों से 4892 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूतनम समर्थन मूल्य पर भारी मात्रा में सोयाबीन खरीदने की घोषणा की है। पिछले साल की तुलना चालू वर्ष के दौरान सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है और अगले महीने से नई फसल की जोरदार कटाई-तैयार शुरू होने वाली है।
प्लांट डिलीवरी भाव: समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी भाव मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतों में बढ़कर 4800/4900 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। इससे सरकार को सोयाबीन खरीदने की शायद जरूरत नहीं पड़ेगी। अक्टूबर-नवम्बर में नई फसल की जोरदार आवक शुरू होने पर बाजार भाव की स्थिति कैसी रहती है। – यह देखना आवश्यक होगा।
सोया तेल (रिफाइंड): सोयाबीन का भाव ऊंचा होने से सोया रिफाइंड तेल के दाम में भी जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई। मध्य प्रदेश के मंदसौर में भाव 185 रूपए उछलकर 1195 रुपए प्रति 10 किलो, देवास में 148 रुपए बढ़कर 1175 रुपए तथा उज्जैन में 184 रुपए उछलकर 1205 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंच गया। महाराष्ट्र में भी रिफाइंड तेल के मूल्य में 100 से 200 रुपए प्रति 10 किलो तक की भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इसका भाव कोटा में 155 रुपए, मुम्बई में 130 रुपए, कांडला में 155 रुपए एवं हल्दिया में 180 रुपए तेज रहा। कुल मिलाकर हर जगह इसके दाम में 10 रुपए प्रति किलो से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई।
आवक: सोयाबीन की आवक 13 सितम्बर को महज 95 हजार बोरी की हुई थी जो बढ़कर 18 सितम्बर को 1.50 लाख बोरी एवं 19 सितम्बर को 1.95 लाख बोरी पर पहुंच गई। सोया डीओसी का दाम भी तेज हो गया है जिससे इसके निर्यात प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।