इंदौर। पिछले महीने सोयाबीन के भाव काफी गिरने के बाद किसान सड़क पर उतर आए हैं और सोयाबीन के भाव 6,000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं। किसानों प्रदर्शन और उनकी मांग का असर अब दिखने लगा है। सप्ताह भर में सोयाबीन कीमतों में तेजी आई है। हालांकि सोयाबीन के भाव अभी भी इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे हैं।
पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन के भाव 4,100 रुपये तक गिर गए थे। लेकिन इसके बाद अब सप्ताह भर में सोयाबीन के भाव बढ़कर 4,600 से 4,700 रुपये हो चुके हैं।
महाराष्ट्र और राजस्थान की मंडियों में भी सोयाबीन कीमतों में इजाफा हुआ है। महाराष्ट्र में प्लांट डिलीवरी के भाव बढ़कर 4,800 रुपये क्विंटल पहुंच चुके हैं। हालांकि ये भाव अभी भी सोयाबीन के एमएसपी से कम है। सोयाबीन का एमएसपी 4,892 रुपये प्रति क्विंटल है।
क्यों आई तेजी ?
सोयाबीन के भाव एमएसपी से काफी नीचे गिर जाने के बाद किसान इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए। मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसान रोहित काशिव ने बताया कि पिछले महीने सोयाबीन के भाव गिरकर एमएसपी से 600 से 700 रुपये क्विंटल नीचे चले गए थे। इसके बाद किसानों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से सोयाबीन के भाव 6,000 रुपये क्विंटल करने की मांग को लेकर अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के इस प्रदर्शन के बाद सोयाबीन प्लांट वालों ने भाव 500 रुपये बढ़ा दिए हैं।
कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने कहा कि बाजार में खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क बढ़ाने की खबर चल रही है। इससे भी सोयाबीन की कीमतों में तेजी को बल मिला है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों में एमएसपी पर सोयाबीन की खरीद करने की घोषणा की है। इससे भी सोयाबीन की कीमतों में सुधार को बल मिल सकता है। हालांकि काशिव कहते हैं कि सरकार ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में एमएसपी पर सोयाबीन खरीदने का निर्णय लिया है। लेकिन सोया प्रदेश कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में इसकी घोषणा नहीं की है।