कलपेट्टा। Wayanad landslides: केरल सरकार ने गुरुवार को बताया कि भूस्खलन प्रभावित गांवों से सभी बचे लोगों को बचा लिया गया है। इस आपदा से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है।
अतिरिक्त शवों की बरामदगी से गुरुवार दोपहर तक मृत्यु की आधिकारिक संख्या 177 हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लगभग 170 लोग अभी भी लापता हैं। 177 मृतकों में 81 पुरुष, 70 महिलाएं और बाकी बच्चे हैं। अब तक 98 शवों की पहचान हो चुकी है। वायनाड के कलपेट्टा में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, “जो लोग जीवित हैं उन्हें पिछले तीन दिनों में बचा लिया गया है।”
सीएम ने कहा, “यह माना जाता है कि मुंडक्कई, चूरलमाला और अट्टामाला गांवों में कोई भी बचने के लिए नहीं बचा है। बचावकर्मी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या कोई व्यक्तिगत रूप से फंसा हुआ है। जो कुछ बचा है वह क्षेत्र से शवों को निकालना है।”
बचाव दल ने शरीर के 92 अंग भी बरामद किए हैं। शरीस के ये हिस्से मुख्य रूप से मलप्पुरम के नीलांबुर क्षेत्र में चलियार नदी से निकाले गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 252 शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया हैं, जिनमें शरीर के अंगों की जांच भी शामिल है।
29 छात्र अभी भी लापता: सीएम विजयन ने बताया कि दो स्थानीय स्कूल मुंडक्कई में सरकारी निम्न प्राथमिक विद्यालय और चूरलमाला में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से 29 छात्र अभी भी लापता हैं।विजयन ने राजस्व अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि भूस्खलन के कारण 348 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। अज्ञात शवों के दाह संस्कार या दफनाने के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित किया गया है। वहीं, शवों के स्टोरेज के लिए कर्नाटक सरकार ने अतिरिक्त फ्रीजर के साथ आवश्यक उपकरण प्रदान करने की पेशकश की है।