भारत में कपास का बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन घटने का अनुमान, उस्डा की रिपोर्ट

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मुम्बई। अमरीकी कृषि विभाग की विदेश कृषि सेवा ने भारतीय प्रतिनिधि कार्यालय (उस्डा पोस्ट) ने भारत में 2023-24 सीजन के मुकाबले 2024-25 के सीजन में कपास का बिजाई क्षेत्र 127 लाख हेक्टेयर से घटकर 120 लाख हेक्टेयर तथा रूई का उत्पादन 260 लाख गांठ से गिरकर 254 लाख गांठ पर सिमटने का अनुमान लगाया है।

ध्यान देने की बात है कि उस्डा पोस्ट द्वारा अनुमानित उत्पादन के तहत रूई की प्रत्येक गांठ 480 पौंड (करीब 213 किलो) की होती है जबकि भारत में 170 किलो वजन की गांठ प्रचलित है।

उस्डा पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में 109.44 लाख गांठ के पिछले बकाया स्टॉक, 254 लाख गांठ के उत्पादन एवं 12 लाख गांठ के संभावित आयात के साथ रूई की कुल उपलब्धता 375.44 लाख गांठ पर पहुंचेगी।

इसमें से 24 लाख गांठ का निर्यात तथा 250 लाख गांठ का घरेलू उपयोग होगा और मार्केटिंग सीजन के अंत में यानी 30 सितम्बर 2025 को 101.44 लाख गांठ रूई का बकाया अधिशेष स्टॉक मौजूद रह सकता है। जो इसके कुल वार्षिक उपयोग का 37 प्रतिशत होगा। उस्डा पोस्ट ने भारत में रूई की औसत उपज दर सुधरकर 461 किलो प्रति हेक्टेयर पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।

इसके मुकाबले 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान 113.24 लाख गांठ के बकाया स्टॉक, 260 लाख गांठ के उत्पादन एवं 8.20 लाख गांठ के आयात के साथ रूई की कुल उपलब्धता 381.44 लाख गांठ आंकी गई।

इसमें से 24 लाख गांठ का निर्यात तथा 248 लाख गांठ का घरेलू उपयोग होने का अनुमान लगाया गया है जबकि मार्केटिंग सीजन के अंत में 109.44 लाख गांठ रूई का अधिशेष स्टॉक बचने की संभावना व्यक्त की गई। 2023-24 के सीजन में रूई की औसत उपज दर 446 किलो प्रति हेक्टेयर आंकी गई है।