ओल्ड टैक्स सिस्टम को बंद करेगी मोदी सरकार: वित्त मंत्री सीतारमण

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 पेश करने के बाद ओल्ड टैक्स रिजीम यानी पुरानी आयकर व्यवस्था को लेकर एक अहम बयान दिया है। निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि सरकार ने अभी तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है कि इसे बंद किया जाएगा या नहीं।

सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की प्राथमिकता टैक्स प्रणाली को सरल बनाना है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी आयकर व्यवस्था के संभावित अंत के संबंध में कोई भी निर्णय गहन समीक्षा के बाद किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा- सरकार का इरादा आयकर व्यवस्था को सरल बनाने का है। नई कर व्यवस्था पुरानी आयकर व्यवस्था को सरल बनाने के उद्देश्य से लाई गई है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में दो-तिहाई से अधिक व्यक्तिगत करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था को चुना है। पिछले वित्त वर्ष में 8.61 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये।

टैक्स के मोर्चे पर बजट में फैसला
बता दें कि बजट में निर्मला सीतारमण ने आयकर प्रावधानों में कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी। मानक कटौती को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने और नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव बजट में रखा गया। बजट में किये गये बदलावों से नई कर व्यवस्था अपनाने वाले कर्मचारियों को 17,500 रुपये तक की कर बचत हो सकती है।

वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये सालाना करने का प्रस्ताव किया गया है। इसी तरह पेंशनधारकों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये का भी प्रस्ताव है।

नई आयकर व्यवस्था में बदलाव
नई आयकर व्यवस्था के तहत कर के नए स्लैब एक अप्रैल, 2024 (आकलन वर्ष 2025-26) से प्रभावी होंगे। सीतारमण ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय को आयकर से छूट मिलती रहेगी। प्रस्ताव के मुताबिक, तीन से सात लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, सात से 10 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत और 10-12 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत कर लगेगा। हालांकि, 12-15 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर पहले की तरह 30 प्रतिशत कर लगता रहेगा।