सरकारी खरीद में ठहराव आने से सरसों के दाम में नरमी बरकरार

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नई दिल्ली । सरकारी खरीद में ठहराव आने तथा सम्पूर्ण तिलहन-तेल बार पर दबाव बरकरार रहने से 5-11 जुलाई वाले सप्ताह के दौरान सरसों के दाम में 75-100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई जबकि राजस्थान के बीकानेर में यह 500 रुपए लुढ़ककर 5200/5500 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।

42% कंडीशन सरसों
42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 100 रुपए तथा जयपुर में 50 रुपए गिरकर क्रमश: 5950 रुपए तथा 6025/6050 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। गुजरात की डीसा एवं धनेरा मंडियों में सरसों की कीमत 105 रुपए नरम रही। इसी तरह हरियाणा की मंडियों में इसका दाम 100 रुपए नीचे आया जबकि आदमपुर में यह 192 रुपए घट गया।

मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के मुरैना तथा पोरसा में सरसों का भाव 100-100 रुपए तथा ग्वालियर में 50 रुपए प्रति क्विंटल घट गया। राजस्थान की मंडियों में भी 50-100 रुपए की नरमी रही। सरसों का भाव उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 50 रुपए एवं आगरा में 75 रुपए कमजोर रहा।

सरसों तेल
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरसों तेल के दाम में 10 से 30 रुपए प्रति 10 किलो की नरमी रही जबकि बीकानेर में एक्सपेलर का भाव 60 रुपए घटकर 1140 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया। दिल्ली में दाम 30 रुपए गिरकर 1135 रुपए पर आया। अन्य जगहों पर भी इसमें नरमी दर्ज की गई।

आवक
राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख उत्पादक राज्यों में 5 जुलाई को 3.00 लाख बोरी, 6 जुलाई को 2.65 लाख बोरी, 8 जुलाई को 3.25 लाख बोरी, 9 एवं 10 जुलाई को भी 3.25 लाख बोरी तथा 11 जुलाई को 375 लाख बोरी सरसों की आवक हुई। प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है। यद्यपि किसानों के पास सरसों का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है मगर घटते भाव को देखते हुए वे बाजार में इसे सीमित मात्रा में उतार रहे हैं। क्रशिंग मिलों की लिवाली भी कमजोर है।