कोच्चि। Small cardamom: अगले महीने से भारत में त्यौहारी सीजन आरंभ होने वाला है जो कमोबेश नवम्बर के प्रथम सप्ताह तक जारी रह सकता है। इस अवधि में अक्सर छोटी इलायची की मांग एवं खपत बढ़ जाती है। इस बार भी ऐसा ही होगा। इससे कीमतों में कुछ और सुधार आने के आसार हैं जबकि पहले से ही भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है।
केरल में छोटी इलायची का सर्वाधिक उत्पादन होता है मगर इस वर्ष मौसम की हालत वहां ज्यादा अनुकूल नहीं रही इसलिए उत्पादन में गिरावट आने तथा तुड़ाई-तैयारी में देर होने की संभावना है।
नए माल की जोरदार आवक शुरू होने तक उत्पादक केन्द्रों में इलायची का दाम मजबूत रहने की संभावना है। आमतौर जून के अंतिम पर जुलाई के प्रथम सप्ताह से नए माल की आवक शुरू हो जाती है और अगस्त से इसकी नीलामी का नया सीजन आरंभ माना जाता है।
हालांकि अब केरल में मानसून की अच्छी बारिश होने लगी है लेकिन फसल को पूर्व में हुए नुकसान की भरपाई होना मुश्किल लगता है।
ग्वाटेमाला में इलायची की फसल काफी कमजोर बताई जा रही है और कीमत भी ऊंची हो गई है। इससे भारत को खाड़ी क्षेत्र के देशों में उसकी प्रतिस्पर्धा का सामना करने में सफलता मिल सकती है।
पिछले दिन हुई एक नीलामी में 35 टन से कुछ अधिक इलायची की आवक हुई और स्थानीय डीलर्स, दिसावरी व्यापारी तथा निर्यातकों की मजबूत लिवाली से इसका औसत मूल्य बढ़कर 2322 रुपए प्रति किलो से ऊपर पहुंच गया जो पिछली नीलामी में 2124 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया था। आगे क़ीमतों उतार-चढ़ाव इसकी मांग पर निर्भर करेगा।