नई दिल्ली। Edible oil import: चालू तेल वर्ष (नवंबर से अक्टूबर) में बीते 3 महीने से खाद्य तेलों के आयात में बढ़ोतरी देखी जा रही है। मई में सालाना और मासिक दोनों आधार पर खाद्य तेल आयात बढ़ा है। हालांकि चालू तेल वर्ष 2023-24 में खाद्य तेलों के कुल आयात में गिरावट दर्ज की गई है। चालू तेल वर्ष में कच्चे तेलों के आयात में गिरावट देखी जा रही है, जबकि रिफाइंड तेलों का आयात बढ़ रहा है।
एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मई महीने में 14.98 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ, जो पिछली समान अवधि के आयात 10.53 लाख टन से करीब 42 फीसदी अधिक है। साथ ही यह अप्रैल महीने के आयात 13.04 लाख टन से भी करीब 15 फीसदी ज्यादा है।
अखाद्य तेलों को मिलाकर मई में कुल तेलों का आयात 45 फीसदी बढ़कर 15.29 लाख टन दर्ज किया गया। इन तेलों के आयात में इतनी बड़ी वृद्धि की वजह रिफाइंड तेल यानी आरबीडी पामोलीन के आयात में ढाई गुना से अधिक वृद्धि के साथ ही सूरजमुखी तेल के आयात में 86 फीसदी और कच्चे पाम तेल के आयात में करीब 53 फीसदी इजाफा होना है।
बीते 3 महीने से भले ही खाद्य तेलों का आयात बढ़ रहा हो। लेकिन चालू तेल वर्ष के पहले 7 माह में कुल खाद्य तेल आयात में कमी आई है। SEA के मुताबिक चालू तेल वर्ष की नवंबर-मई अवधि में 85.67 टन खाद्य तेल आयात हुए, जो पिछली समान अवधि में आयात हुए 90.55 लाख टन से 5.38 फीसदी कम है।
अखाद्य तेलों को मिलाकर कुल तेल आयात करीब 5 फीसदी घटकर 86.78 लाख टन रह गया। चालू तेल के पहले 7 माह के दौरान कच्चे तेलों का कुल आयात 6.82 फीसदी घटकर 73.31 लाख टन रह गया, जबकि रिफाइंड तेलों का आयात 4.2 फीसदी बढ़कर 12.36 लाख टन हो गया।
सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ा
चालू तेल वर्ष के दौरान कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पहले 7 माह के दौरान 19.97 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात हो चुका है, जो पिछली समान अवधि में आयात हुए 16.62 लाख टन से करीब 20 फीसदी अधिक है। सूरजमुखी तेल के उलट कच्चे सोयाबीन तेल के आयात में गिरावट आई है। चालू तेल वर्ष के पहले 7 माह में यह 22 फीसदी से ज्यादा घटकर 15.92 लाख टन रह गया। इस दौरान पाम तेलों का आयात भी करीब 7 फीसदी घटकर 49.77 लाख टन रह गया।