कोटा कोचिंग के वर्तमान हालातों से उबरने के लिए संयुक्त प्रयास जरूरी: व्यापार महासंघ

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प्रादेशिक सेवारत वैश्य सेवा संस्था द्वारा हेल्प डेस्क की स्थापना सराहनीय कदम

कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने प्रादेशिक सेवारत वैश्य सेवा संस्था द्वारा कोचिंग विद्यार्थियों की समस्या के समाधान के लिए 24 घंटे की हेल्प डेस्क का शुभारंभ किये जाने को एक सकारात्मक कदम बताया है।

माहेश्वरी ने कहा कि पिछले वर्षों में कोटा कोचिंग को लेकर पूरे देश में चलाए गए नकारात्मक अभियान का असर इस सत्र में दिखने लगा है। कोटा में कोचिंग छात्रों की घटती संख्या एक चिंता का विषय बनती जा रही है।

इस संदर्भ में तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। ताकि इस नकारात्मक छवि को दूर किया जा सके। इसके लिए प्रत्येक नागरिक, सामाजिक संस्था, व्यापारिक संस्था, हॉस्टल व्यवसाई को इसमें सक्रिय सहभागिता की आवश्यकता है।

माहेश्वरी ने बताया कि पिछले 20 वर्षों में धीरे-धीरे प्रगति करके कोटा ने कोचिंग क्षेत्र में पूरे देश में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है और पूरे देश में बेहतरीन परिणाम देकर लाखों की संख्या में विद्यार्थियों का चयन करवाने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई है। जिसमें कोटा के कोचिंग संस्थान, हॉस्टल व्यवसाय एवं यहां के आमजन की भरपूर भागीदारी रही है। आज कोटा में तीन लाख से अधिक बाहर से आने वाले विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के रहने की व्यवस्था बन चुकी है।

इसमें हजारों करोड़ों का निवेश हो चुका है और यहां के व्यवसाइयों द्वारा अपना सब कुछ दांव पर लगाकर बैंकों से भारी ऋण लेकर बेहतरीन सुविधायुक्त हॉस्टलों एवं पीजी गेस्ट हाउस का निर्माण किया है।

साथ ही कोचिंग क्षेत्र में व्यवसाइयों द्वारा मंहगी दरों पर दुकान लेकर विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिए व्यवसाय का संचालन किया जा रहा है। करीब ढाई लाख विद्यार्थी कोटा में आ रहे थे। उससे शहर के हर व्यवसाई को संबल मिल रहा था लेकिन, वर्तमान सत्र में कोटा कोचिंग मे छात्रों की घटती संख्या को लेकर पूरे शहर के लिए एक चिंता का विषय बन गया है।

इससे सभी वर्गों में निराशा की भावना व्याप्त होने के साथ-साथ आने वाले भविष्य भी अंधकारमय नजर आने लगा है। यह कोटा की अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के लिए घातक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कोटा के सभी वर्गों को आगे आना होगा। ताकि पिछले 20 वर्षों से शिक्षा नगरी के रूप में अपनी पहचान बना चुके शहर की छवि को बरकरार रखा जा सके और किसी भी अनहोनी को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रादेशिक वैश्य सेवा संस्था द्वारा कोचिंग विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना करके एक सराहनीय कदम उठाया है। निश्चित ही ऐसे कार्यों से जो कोटा शहर की पूरे देश में नकारात्मक छवि बनाने की साजिश रची गई है, ऐसी स्थिति में यह एक ठोस कदम साबित होगा।

माहेश्वरी ने सभी व्यापारिक संस्थानों समाजसेवी संस्थाओं एनजीओ एवं प्रबुद्ध जनों एवं आमजनों से अपील की है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से कोचिंग के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं की किसी भी समस्या का तुरंत समाधान किए जाने के लिए आगे आएं।