मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से हल्दी के दाम में तेजी का माहौल बन रहा

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इरोड। Turmeric Price: हल्दी का हाजिर एवं वायदा भाव एक बार फिर तेज होने लगा है क्योंकि उत्पादन में कमी आई है और मांग मजबूत बनी हुई है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से कीमतों में तेजी का माहौल बन रहा है।

सांगली (महाराष्ट्र) के एक अग्रणी व्यापारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व हल्दी का वायदा भाव उछलकर 20,000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया था मगर बाद में थोड़ा नरम पड़कर 18,500-19,500 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।

हल्दी की कीमतों में आगे 1000 रुपए प्रति क्विंटल तक का उतार-चढ़ाव आने की संभावना है। इरोड के एक व्यापारी का कहना है कि कुछ ही दिनों के अंदर हल्दी का भाव 16,000 रुपए प्रति क्विंटल से उछलकर 20,000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया क्योंकि मांग के अनुरूप इसकी आपूर्ति नहीं हो रही थी। लेकिन जब दाम 20,000 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंचा तब कारोबारी सावधान हो गए।

इरोड टर्मरिक मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक चालू वर्ष के दौरान, हल्दी का घरेलू उत्पादन घटने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि मई में इसकी आपूर्ति की स्थिति कैसी रहती है।

पिछले दिन वायदा एक्सचेंज में जून अनुबंध के लिए हल्दी का भाव 18,982 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि अगस्त के लिए वायदा मूल्य 19,636 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। इससे साफ संकेत मिलता है कि आगामी महीनों के दौरान हल्दी की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल बनी रहेगी।

उधर निजामाबाद मंडी में सामान्य श्रेणी की हल्दी का भाव करीब 17,594 रुपए प्रति क्विंटल तथा उच्च क्वालिटी की राजापुर वैरायटी का दाम 18,995 रुपए प्रति क्विंटल (सांगली में) पर पहुंच गया।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू वर्ष के दौरान हल्दी का कुल घरेलू उत्पादन घटकर 10.74 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना है जो पिछले साल के उत्पादन 11.70 लाख टन से करीब एक लाख टन कम है।

लेकिन एक व्यापार विश्लेषक का मानना है कि हल्दी का वास्तविक उत्पादन गत वर्ष से करीब 30 प्रतिशत कम हो सकता है। इसके अलावा अगली बिजाई के लिए किसान 5 प्रतिशत हल्दी का स्टॉक अपने पास रखना चाहेंगे। अगले 15-20 दिन में तस्वीर काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी।