नई दिल्ली। Investment: फाइनेंशियल ईयर 2024 खत्म होने जा रहा है। यह साल निवेशकों के लिए काफी अच्छा रहा। इस फाइनेंशियल ईयर में भारतीय निवेशकों की नेटवर्थ में 132 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 1.6 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ।
अप्रैल 2023 और मार्च 2024 के बीच, बीएसई का मार्केट कैप 262 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 394 लाख करोड़ रुपये यानी 4.7 ट्रिलियन डॉलर हो गया। यह भारत के मार्केट कैप में एक साल में आई अब तक की सबसे बड़ी उछाल है। फाइनेंशियल ईयर के अंतिम कारोबारी दिन गुरुवार को सेंसेक्स करीब एक फीसदी यानी 655 अंक बढ़कर 73,651 पर बंद हुआ। सात मार्च को यह रेकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा था। गुड फ्राइडे के कारण शुक्रवार को शेयर मार्केट में छुट्टी है।
बीएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि इस फाइनेंशियल ईयर दौरान पुरानी इकॉनमी वाली कई कंपनियों ने अच्छे भविष्य की संभावनाएं दिखाईं। इस कारण निवेशकों ने उनके शेयरों को हाथोंहाथ लिया। लेकिन सॉफ्टवेयर कंपनियों, एफएमसीजी और प्राइवेट बैंकों के शेयरों में निवेशकों ने कम दिलचस्पी रही। सेंसेक्स शेयरों में टाटा मोटर्स के शेयर की कीमत दोगुनी हो गई जबकि सरकारी कंपनी एनटीपीसी का शेयर भी इस दौरान करीब दोगुना हो गया।
दूसरी ओर एचयूएल, एशियन पेंट्स और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों ने सबसे ज्यादा निराश किया। इस फाइनेंशियल ईयर के दौरान सेंसेक्स 25% चढ़ा जबकि निफ्टी में 29% की तेजी रही। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो रियल एस्टेट में 129%, यूटिलिटीज में 93% और पावर में 86% की बढ़ोतरी हुई। दूसरी ओर बैंकएक्स में 16%, एफएमसीजी में 17% और वित्तीय सेवाओं में 22% की बढ़ोतरी हुई।