नई दिल्ली। विगत कुछ समय से जीरे की लगातार गिरती कीमतों के कारण उत्पादक केन्द्रों पर जीरे की दैनिक आवक घट गई है। प्रमुख मंडी ऊंझा में जीरे की दैनिक आवक घटकर 35 हजार बोरी की रह गई है।
आवक घटने के कारण जीरे की गिरती कीमतें रुक गई है। जिस कारण से आज उत्पादक केन्द्रों पर जीरे के भाव अपने पूर्व स्तर पर बोले गए है। वायदा बाजार में भी मार्च का भाव 90 रुपए नरमी के साथ बंद हुआ।
जबकि अप्रैल का भाव 70 रुपए तेजी के साथ बंद हुआ है। सूत्रों का मानना है कि कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि होली पश्चात राजस्थान की मंडियों में भी आवक का दबाव बनना शुरू हो जाएगा। जिस कारण से अभी कीमतों में मंदा रहेगा।
हल्दी की कीमतें गिरी : गत दो दिनों से वायदा बाजार में हल्दी की कीमतें घटने के कारण हाजिर बाजारों में हल्दी के भाव मंदे के साथ बोले जाने लगे है। हाजिर बाजारों में विगत 2 दिनों के दौरान कीमतों में 8/10 रुपए प्रति किलो का मंदा दर्ज किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि मुनाफावसूली बिकवाली आने के कारण कीमतों में मंदा दर्ज किया जा रहा है। हालांकि इस वर्ष पैदावार कम होने के कारण हल्दी का भविष्य अच्छा रहेगा। वर्तमान में उत्पादन केन्द्रों पर नए मालों की आवक हो रही है।
जिस कारण से कुछ समय तक बाजार दबे रहते है। आवक घटने के साथ ही हल्दी की कीमतों में तेजी का दौर शुरू हो जाएगा। व्यापारियों का मानना है कि इस वर्ष हल्दी का भाव 200 रुपए प्रति किलो का स्तर पार कर सकता है।
वर्तमान में दिल्ली बाजार में हल्दी, सिंगल पॉलिश का भाव 160 रुपए प्रति किलो चल रहा है। कमजोर बिजाई एवं प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी कम आने के कारण चालू सीजन के दौरान देश में हल्दी का उत्पादन 40/45 लाख बोरी होने की संभावना है जबकि गत वर्ष उत्पादन 82/85 लाख बोरी का रहा था। वायदा बाजार में आज हल्दी अप्रैल का भाव 1124 रुपए एवं जून का भाव 1088 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है।