नई दिल्ली। Turmeric Price: चालू सप्ताह के दौरान हल्दी कीमतों में मिला-जुला व्यापार रहा। एक ओर जहां पुरानी हल्दी के भाव अपने पूर्व स्तर पर बोले गए। वहीं दूसरी तरफ नई हल्दी के भाव ऊंचे बोले जा रहे हैं। प्रमुख उत्पादक राज्यों में नए हल्दी की आवक शुरू हो चुकी है।
ईरोड में नई हल्दी की आवक 1500/2000 बोरी की हो गई है। जबकि निजामाबाद मंडी में 15000 बोरी की दैनिक आवक हो रही है। महाराष्ट्र की सांगली मंडी में भी नए मालों की आवक 10 से 12 हजार बोरी की हो गई है। मार्च माह में वारांगल, नांदेड, बसमतनगर, दुग्गीराला मंडियों में भी नए मालों की आवक शुरू हो जाएगी।
वायदा बाजार: चालू सप्ताह के दौरान वायदा बाजार में हल्दी के भाव मजबूती के साथ बंद हुए हैं। सप्ताह के शुरू में अप्रैल की हल्दी का भाव 15080 रुपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 15350 रुपए पर बंद हुआ है। सूत्रों का मानना है कि वायदा बाजार में हल्दी के भाव मजबूत बने रहेंगे। क्योंकि इस वर्ष हल्दी का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कमजोर माना जा रहा है।
हाजिर बाजार: हाजिर बाजार में हल्दी के भाव स्थिरता के साथ पड़े रहे। हालांकि नई हल्दी के भाव मजबूती के साथ बोले जा रहे थे। ईरोड मंडी में पुरानी हल्दी फली का भाव 132/134 रुपए बोला जा रहा है जबकि नई फली का भाव 125/140 रुपए बोला गया है। निजामाबाद मंडी में भी नई हल्दी का भाव 115/130 रुपए बोला जा रहा है। सांगली मंडी में हल्दी राजापुरी नई का भाव 140/200 रुपए तक बोला गया जबकि पुरानी राजापुरी का भाव 125/160 रुपए चल रहा है। उत्पादक केन्द्रों पर नए मालों की आवक शुरू हो जाने के कारण खपत केन्द्रों पर हल्दी का व्यापार कम रहा। लिवाल नए सूखे मालों की आवक बढ़ने का इंतजार कर रहा है। जिस कारण से दिल्ली बाजार में हल्दी सिंगल पालिश गट्ठा का भाव 133/134 रुपए के पूर्व स्तर पर खामोश रहा।
मन्दा-तेजी: जानकार सूत्रों का कहना है कि हल्दी की कीमतों में अधिक मन्दा नहीं है लेकिन अभी हाल-फिलहाल कीमतों में अधिक तेजी के चांस भी नहीं है। क्योंकि आगामी दिनों में उत्पादक केन्द्रों पर नए मालों की आवक का दबाव बनेगा। जिस कारण से अभी हल्दी के भाव वर्तमान भावों के आसपास ही अर्थात 3/5 रुपए की मन्दा तेजी के बीच घूमते रहेंगे। मगर पैदावार कम रहने के कारण मई जून के बाद कीमतों में अच्छी तेजी आने की संभावना है।
उत्पादन: उत्पादक केन्द्रों पर कमजोर बिजाई एवं बिजाई के पश्चात मौसम भी प्रतिकूल होने से इस वर्ष देश में हल्दी का उत्पादन 50/55 लाख बोरी के आसपास होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं जबकि गत वर्ष उत्पादन 82/85 लाख बोरी का रहा था। जबकि वर्ष 2022 के दौरान देश में हल्दी का उत्पादन 78/80 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 60 किलो) का रहा था। कुछ हल्दी उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले राज्य महाराष्ट्र में इस वर्ष हल्दी का उत्पादन 26/28 लाख बोरी होने के अनुमान है जबकि गत वर्ष उत्पादन लगभग 34/35 लाख बोरी का रहा था। तेलंगाना में इस वर्ष हल्दी का उत्पादन 26/28 लाख बोरी का माना गया था जोकि इस वर्ष घटकर 14/16 लाख बोरी रह जाने की संभावना है। तमिलनाडु में गत वर्ष उत्पादन 10/11 लाख बोरी का रहा था जोकि इस वर्ष 7/8 बोरी होने के अनुमान है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में उत्पादन 5/6 लाख बोरी होने की संभावना है।
निर्यात: मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-नवम्बर 2023 के दौरान हल्दी का निर्यात 110745.38 टन का हुआ है जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में निर्यात 111944.51 टन का रहा था। वर्ष 2022-23 के दौरान हल्दी का कुल निर्यात 170085 टन का रहा जबकि वर्ष 2021-22 में निर्यात 152758 टन का रहा था।