Mustard Price: तेल मिलर्स एवं व्यापारियों की लिवाली से सरसों के दाम में सुधार

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नई दिल्ली। Mustard Price: नई फसल की आवक बढ़ने के बावजूद तेल मिलर्स एवं व्यापारियों की लिवाली से 16-22 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान सरसों के दाम में गुजरात, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में कुछ सुधार दर्ज किया गया जबकि राजस्थान में मिश्रित रुख रहा। यूपी में बाजार सामान्य देखा गया।

42% कंडीशन सरसों: समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली तथा जयपुर में 50-50 रुपए सुधरकर क्रमश: 5400 रुपए प्रति क्विंटल तथा 5475/5500 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा। उत्तर प्रदेश में सरसों का दाम हापुड़ मंडी में 5500 रुपए पर स्थिर रहा मगर आगरा में नई सरसों का भाव 75 रुपए की वृद्धि के साथ 5775 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।

गुजरात: सरसों का भाव 16-22 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान गुजरात की डीसा मंडी में 100 रुपए तथा धनेरा मंडी में 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गया। हरियाणा में भी इसके मूल्य में 50-100 रुपए का सुधार आया जबकि मध्य प्रदेश की मुरैना मंडी में भाव 100 रुपए बढ़कर 4950/5000 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।

राजस्थान: सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में सरसों का भाव कहीं तेज तो कहीं नरम रहा। इसका दाम गंगानगर में 151 रुपए, बूंदी में 250 रुपए तथा नागौर में 200 रुपए प्रति क्विंटल नीचे लुढ़क गया जबकि भरतपुर में 59 रुपए तथा रायसिंह नगर में 225 रुपए प्रति क्विंटल उछल गया।

सरसों तेल: समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरसों तेल के दाम में 10-20 रुपए प्रति 10 किलो की वृद्धि देखी गई। दिल्ली में एक्सपेलर का भाव 10 रुपए सुधरकर 1000 रुपए प्रति 10 किलो, चरखी दादरी में 15 रुपए बढ़कर 1010 रुपए, मुम्बई में 20 रुपए उछलकर 1000 रुपए तथा लुधियाना में 15 रुपए बढ़कर 1020 रुपए प्रति 10 किलो हो गया। कच्ची घानी सरसों तेल के दाम में भी कुछ सुधार दर्ज किया गया।

आवक: प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण थोक मंडियों में सरसों की आवक क्रमिक रूप से बढ़ने लगी है। इसकी मात्रा 16 फरवरी को 5.25 लाख बोरी, 17 फरवरी को 5.50 लाख बोरी, 19 फरवरी को 5.85 लाख बोरी, 20 फरवरी को 6.25 लाख बोरी, 21 फरवरी को 6.50 लाख बोरी तथा 22 फरवरी को 6.90 लाख बोरी दर्ज की गई जबकि सरसों की प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है।

बिजाई: सरसों का बिजाई क्षेत्र इस बार 100.40 लाख हेक्टेयर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है और मौसम के अनुकूल रहने से फसल की हालत बेहतर बताई जा रही है। इससे 2023-24 के वर्तमान रबी सीजन में इसका कुल उत्पादन 120 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। थोक मंडी भाव एमएसपी से नीचे है।