मुंबई। सोनी समूह के साथ 10 अरब डॉलर का विलय समझौता रद्द होने के एक महीने के भीतर जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज लि. को एक और झटका लगा है। बाजार नियामक सेबी ने कंपनी के बहीखाते में 20 अरब रुपये (24 करोड़ डॉलर) की हेराफेरी पकड़ी है।
यह आंकड़ा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच के शुरुआती अनुमान से करीब 10 गुना अधिक है। मामले से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के लिए जी समूह के संस्थापकों को बुलाया गया है।
बाजार नियामक ने पिछले साल कहा था कि जी समूह के संस्थापक एवं पूर्व चेयरमैन सुभाष चंद्रा और उनके बेटे व मौजूदा सीईओ पुनीत गोयनका कंपनी के फंड को समूह की अन्य सूचीबद्ध इकाइयों और इसके संस्थापक शेयरधारकों की कंपनियों में स्थानांतरित करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। एक सूत्र ने बताया कि सेबी अप्रैल के मध्य तक अपनी जांच पूरी कर लेगा और उसके बाद कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
कंपनी का इनकार:जी ने एक बयान में कहा, कंपनी के बहीखाते में गड़बड़ी से जुड़ी रिपोर्ट अफवाह और गलत है। सेबी की ओर से मांगी गई सभी जानकारियां मुहैया कराने की प्रक्रिया जारी है। सुभाष चंद्रा, पुनीत गोयनका और सेबी ने इस मामले में कोई जवाब देने से इन्कार कर दिया।
खत्म हुआ विलय समझौता: सोनी ने नियामकीय कार्रवाई और स्वामित्व विवाद के कारण जी एंटरटेनमेंट के साथ प्रस्तावित विलय समझौते को रद्द कर दिया। विलय के बाद बनी नई कंपनी का सीईओ पुनीत गोयनका को बनाए जाने की बात कही जा रही थी, जिनके खिलाफ सेबी कार्रवाई कर रहा था। इस वजह से सोनी समूह गोयनका को सीईओ नहीं बनाना चाहता था।
शेयरों में गिरावट जारी: जी एंटरटेनमेंट के शेयरों में गिरावट जारी है। बुधवार को कंपनी का शेयर 14.77 फीसदी टूटकर 164.50 रुपये पर बंद हुआ।