निर्यातकों को मांग एवं स्टॉकिस्टों को लिवाली बढ़ने से लाल मिर्च की कीमतों में तेजी

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नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान लाल मिर्च की कीमतों में तेजी रही। हालांकि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर नए मालों की आवक अच्छी चल रही है लेकिन अच्छी क्वालिटी के मालों की आवक कम होने के कारण कीमतों में तेजी बनी हुई है। वर्तमान में निर्यातकों के अलावा लोकल स्टॉकिस्टों की मांग भी अच्छी चल रही है।

सूत्रों का कहना है कि गत दिसम्बर माह में आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में हुई बेमौसमी बारिश से लालमिर्च की क्वालिटी प्रभावित हुई है। इसके अलावा फसल को नुकसान भी हुआ है। जिस कां से देश में लालमिर्च का उत्पादन पूर्वानुमानों की तुलना में कम रहेगा। पूर्व में आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन लगभग 2 करोड़ बोरी के होने के अनुरूप लगाए जा रहे थे जोकि घटकर 1.75/1.80 करोड़ बोरी तक ही होने की संभावना है।

इसी तरह तेलंगाना में भी लालमिर्च का उत्पादन पूर्वानुमानों की तुलना में कम होने की संभावना है। तेलंगाना में लालमिर्च का पूर्वानुमान 80/85 लाख बोरी का लगाया जा रहा था जोकि वर्तमान में 70/75 लाख बोरी तक सिमट जाने की संभावना है। गत दो वर्षों से देश में लालमिर्च का उत्पादन बढ़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन लगभग सवा करोड़ बोरी का रहा था जोकि वर्ष 2023 में बढ़कर 1.60/1.65 करोड़ बोरी का हो गया। चालू सीजन के दौरान भी उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा।

कीमतों में तेजी: निर्यातकों को अच्छी मांग एवं लोकल स्टॉकिस्टों को भी लिवाली बढ़ने के चालू सप्ताह के दौरान गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 212 रुपए बढ़कर 220 रुपए प्रति किलो हो गया है। आरमोर का भाव भी 10 रुपए प्रति किलो तेजी के साथ सप्ताहांत में 170 रुपए पर बोला गया। खम्मम मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव सप्ताहांत में 223 रुपए बोला गया। जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 216 रुपए खुला था। वारंगल मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 211 रुपए से मजबूती के साथ 221 रुपए पर बोला गया। हैदराबाद में लालमिर्च तेजा का भाव 218 रुपए पर बोला जा रहा है। उत्पादक केन्द्रों के तेज समाचार मिलने के कारण दिल्ली बाजार में भी लालमिर्च के भाव 5/7 रुपए तेजी के साथ बोले गए लेकिन बढ़ें भावों पर व्यापार कम रहा।

आवक: चालू सप्ताह के दौरान आंध्र प्रदेश की प्रमुख मंडी गुंटूर में लगभग 6.50 लाख बोरी की आवक हुई जबकि खम्मम में दो दिन का अवकाश होने के बावजूद आवक डेढ़ लाख बोरी के आसपास की रही। वारंगल मंडी में भी आवक 1.35/1.40 लाख बोरी की हुई। सूत्रों का कहना है कि अभी मंडियों में गीले मालों की आवक हो रही है 15/20 फरवरी के पश्चात सूखे मालों की आवक शुरू हो जाने की संभावना है। भाव गत वर्ष की तुलना में ऊंचे होने के कारण किसान बिकवाली का दबाव बनाये हुए हैं। गत फरवरी में गुंटूर मंडी में तेजा का भाव 188/190 रुपए एवं खम्मम में 180/182 रुपए का भाव चल रहा था।

मंदा-तेजी: जानकार सूत्रों का कहना है कि आगामी दिनों में नए सूखे मालों की आवक का दबाव बनने पर एक बार कीमतों में गिरावट आनी चाहिए जोकि अल्पकाल के लिए होगी। आवक का दबाव घटने के पश्चात कीमतों में फिर सुधार होगा। विशेष रूप से डीलक्स मालों की कीमतों में तेजी रहेगी। आवक का दबाव बनने पर एक बार फिर तेजा क्वालिटी का भाव 200 रुपए बनने के व्यापारिक अनुमान लगाए जा रहे हैं। गत दिनों गुंटूर मंडी में तेजा क्वालिटी का भाव नीचे में 200 रुपए बन गया था।

निर्यात अधिक: मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू सीजन 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के प्रथम सात माह के दौरान लालमिर्च का निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक हुआ है। अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 302186.87 टन का हुआ है जबकि अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान निर्यात 260021.52 टन का रहा था। अभी तक के निर्यात प्रदर्शन को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है चालू वित्त वर्ष के दौरान लालमिर्च का निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा। वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान लालमिर्च का कुल निर्यात 516184.91 टन का रहा था जोकि 2021-22 की तुलना में कम रहा। वर्ष 2021-22 में निर्यात 557143.98 टन का हुआ था।