कोटा। Budget Reaction: भारतीय किसान संघ ने केंद्रीय अंतरिम बजट को आशा जगाने वाला बताया है। भारतीय किसान संघ ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिलहाल अंतरिम बजट अपेक्षाओं पर खरा उतरता प्रतीत नहीं हो रहा, लेकिन पूर्ण बजट से उम्मीदें हैं।
भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने बताया कि अंतरिम बजट से किसानों को बहुत अधिक अपेक्षाएं भी नहीं थी। सरकार ने भी वैसा ही बजट पेश किया है। सोलर के द्वारा बिजली में आत्मनिर्भरता जैसे कदम निश्चित रूप से भविष्य में आशा पैदा करने वाले हैं। वहीं कृषि जिंसों को जीएसटी मुक्त नहीं करने से किसानों को निराशा हुई है।
मेहता ने कहा कि बजट में सरकार के द्वारा पुरानी योजनाओं को दोहराते हुए प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के तहत 4 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की बात कही गई है। जबकि देश में लगातार फसल खराबे का दंश झेल रहे लाभार्थी किसानों का यह आंकड़ा उत्साहित करने वाला नहीं माना जा सकता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में व्यापक विसंगतियों के चलते इसका लाभ सभी किसानों को नहीं मिल पाता है। ऐसे में भविष्य की सरकार को पूर्ण बजट में इस विसंगति को दूर करने की तरफ ध्यान देना चाहिए।
भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता आशीष मेहता ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है। इस योजना से छोटे किसानों को अत्यधिक संबल मिला है। लेकिन अब इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद थी, जो केंद्र सरकार ने नहीं की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसपी बढ़ाने की बात कही है।
भारतीय किसान संघ की ओर से लंबे समय से किसानों को उपज के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग की जाती रही है। अंतरिम बजट में लाभकारी मूल्य को कानूनी आधार देने का कोई संकेत नहीं मिलना निराशा पैदा करता है।
पॉम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध जरूरी: सरकार की ओर से अंतरिम बजट में ऑयल सीड में आत्मनिर्भरता और सरसों, सोयाबीन, मूंगफली के उत्पादन को प्रोत्साहन की बात भी कही गई है। आशीष मेहता ने बताया कि तेलों में होने वाली पॉम ऑयल की मिलावट पूर्णतया बंद किए बगैर तिलहन फसलों में आत्मनिर्भरता की बात बेमानी ही लगती है। जब तक तेलों में होने वाली ब्लेंडिंग को लेकर सख्त कानून नहीं बनता किसानों को कोई लाभ नहीं होगा। सेहत के लिए नुकसानदेह पॉम ऑयल के आयात पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाना होगा।