दक्षिण भारत की मांग से चावल के भाव में तेजी की संभावना

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विजयवाड़ा। आवश्यक खाद्य उत्पादों का भाव ऊंचा एवं तेज होने से इस बार संक्रांति पर्व के अवसर पर सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक माना जाता है। पिछले कुछ महीनों के अंदर वहां चावल, दाल, सब्जी, फल एवं गुड़ सहित कुछ अन्य आवश्यक वस्तुओं के दाम में भारी बढ़ोतरी हो गई है। चावल आंध्र प्रदेश के लोगों का मुख्य खाद्य आहार है इसलिए इसके दाम में इजाफा होने से उसे काफी दिक्कत हो रही है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार चावल का भाव आगामी दिनों में कुछ और बढ़ने की संभावना है क्योंकि राइस मिलर्स इसका भारी भरकम स्टॉक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें इससे भारी मुनाफा होने का भरोसा है।

दरअसल आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ समय से मौसम की हालत अत्यन्त प्रतिकूल होने से धान की फसल को क्षति पहुंची है जिससे चावल के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है। धान-चावल की सरकारी खरीद भी गत वर्ष से काफी पीछे चल रही है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुार सोना वैरायटी (एचएमटी सन्नालू) चावल का भाव उछलकर 1680 रुपए प्रति 26 किलो के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है जो दो माह पूर्व 1450 रुपए पर था।

समीक्षकों के मुताबिक प्रीमियम क्वालिटी के इस चावल का दाम संक्रांति पर्व के दौरान और भी उछलकर 1800 रुपए प्रति 26 किलो के नए शीर्ष स्तर पर पहुंचने की संभावना है।

समीक्षकों के अनुसार पिछले दो माह के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर बासमती एवं गैर बासमती-दोनों श्रेणी के चावल के दाम में 15-20 प्रतिशत का इजाफा हो गया। कमजोर उत्पादन के बीच मांग मजबूत रहने से कीमतों में तेजी आई है।

आलोच्य अवधि के दौरान सर्वोत्तम क्वालिटी के बासमती चावल का भाव 110 रुपए प्रति किलो से उछलकर 140 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया। समझा जाता है कि एचएमटी सन्नालू, बीपीटी सन्नालू तथा कुछ अन्य लोकप्रिय किस्मों के चावल का दाम आगे कुछ और तेज हो सकता है क्योंकि मार्केट में इसकी आपूर्ति ठीक से नहीं हो रही है जबकि मांग लगातार बढ़ती जा रही है। मिलर्स सीमित मात्रा में इसका स्टॉक उतार रहे हैं।