रोडवेज प्रशासन की घाटे का बोझ यात्रियों की जेब पर डालने की तैयारी
जयपुर। प्रदेश में उप चुनावों के सीजन और महंगाई के बीच रोडवेज प्रशासन लोगों की जेब पर भार डालने की तैयारी कर रहा है। घाटे में चल रही रोडवेज ने किराया बढ़ाने के लिए एमडी कुलदीप रांका ने प्रस्ताव सरकार को भेजा है।
सरकार ने अनुमति दी तो सफर 18% तक महंगा हो जाएगा। किराया बढ़ाने के पीछे रोडवेज प्रशासन का तर्क है कि रोडवेज बसों का संचालन खर्च लगातार बढ़ रहा है। एक तरफ जहां डीजल के दामों में वृद्धि हुई है, वहीं टायर-ट्यूब, स्पेयर पार्ट्स स्टाफ की संस्थापन लागत बढ़ रही है।
किराया बढ़ाने का भेजा प्रस्ताव
बस सेवा वर्तमान में प्रस्तावित
(पैसे/किमी) (पैसे/किमी)
साधारण बस 85 100
एक्सप्रेसबस 90 105
सेमीडीलक्स बस 98 115
एसीबस 150 165
वोल्वो-स्कैनिया 220 235
किराया बढ़ा तो यात्री घटने की आशंका: एमडी ने 8 नवंबर को यह प्रस्ताव परिवहन विभाग को भिजवाया है। परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव और परिवहन मंत्री की अनुमति के बाद किराए बढ़ा दिया जाएगा।
रोडवेज के पास सबसे ज्यादा हैं एक्सप्रेस बसें। इनका किराया अभी 90 पैसे प्रति किमी है। यानी 100 किमी सफर करने पर 90 रुपए लगते है।
किराया बढ़ने के बाद 100 किमी के सफर के 105 रुपए लगेंगे। इसी अनुपात में टैक्स की दरों में भी बढ़ोतरी होगी। रोडवेज प्रशासन ने इससे पहले 16 जून 2016 को एसी और वोल्वो बसों को छोड़कर अन्य श्रेणी की बसों का किराया बढ़ाया था।
हैरानी की बात यह है कि रोडवेज का किराया निजी बस संचालकों की तुलना में 20% तक ज्यादा हैं। ऐसे में डर भी है कि अधिक किराए की वजह से यात्री रोडवेज बसों में सफर करना और कम कर दें।