नई दिल्ली। RBI New Circular: भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में बैंक ने एक नए नियम के बारे में बताया है। इस नियम के अनुसार बैंक अब मिनिमम बैलेंस मेंटेन पर कोई और पेनल्टी नहीं लगा सकते हैं। यह नियम में वो सभी बैंक अकाउंट शामिल है जो पिछले 2 साल से एक्टिव नहीं हैं। यह नियम अगले वित्त वर्ष 2024-25 से लागू होगा। इसका मतलब कि इस साल अप्रैल से यह नियम लागू हो जाएगा।
बैंक स्कॉलरशिप या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) वाले जो अकाउंट ओपन हुए हैं उसे इन-एक्टिव रूप से क्लासिफाई नहीं कर सकते हैं। अगर यह अकाउंट दो साल से ज्यादा समय तक एक्टिव नहीं है फिर भी इसे इन-एक्टिव नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय बैंक ने इन-एक्टिव अकाउंट को लेकर बैंक को निर्देश दिया है। आरबीआई के सर्कुलर में दिए गए निर्देशों के बाद बैंकिंग सिस्टम में अनक्लेम्ड डिपॉजिट कम होगा साथ ही यह राशि सही दावेदार तक पहुंच जाएगी।
इसके लिए बैंक इन दावेदारों से संपर्क करें। वह एसएमएस, मेल या फिर लेटर के जरिये संपर्क कर सकते हैं। इसमें बैंक कस्टमर या अकाउंटधारक को उसके अकाउंट के इन-एक्टिव होने की जानकारी देगा।
अकाउंट एक्टिव के लिए नहीं देना होगा चार्ज
- अगर कोई बैंकधारक अपने निष्क्रिय अकाउंट को दोबारा शुरू करना चाहता है तो वह आसानी से एक्टिव करवा सकता है। इसके लिए एक्टिव चार्ज नहीं देना होगा।
- आरबीआई द्वारा जारी एकल रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल मार्च 2023 तक अनक्लेम्ड डिपॉजिट में 28 फीसदी की तेजी हुई थी। बैंक ने बताया था कि लगभग 42,272 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड डिपॉजिट हैं।
- इन अनक्लेम्ड डिपॉजिट पर 10 वर्ष तक किसी ने कोई दावा नहीं किया है। इस डिपॉजिट की राशि सभी बैंक आरबीआई के डिपॉजिटर और एजुकेशन अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर करेंगे।