लाल मिर्च की कीमतों में भारी गिरावट की संभावना, जानिए क्यों

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बंगलौर। चालू सीजन के दौरान कर्नाटक में ब्यादगी लालमिर्च का शानदार उत्पादन होने की उम्मीद है जबकि इसका भारी-भरकम पिछला बकाया स्टॉक भी मौजूद है जिससे आगामी महीनों में इसकी कीमतों पर दबाव पड़ने की संभावना है।

कर्नाटक की प्रमुख उत्पादक मंडियों- ब्यादगी, हुबली तथा गडग में इस किस्म की लालमिर्च के नए माल की छिटपुट आवक शुरू हो गई है। उत्तरी कर्नाटक की अन्य महत्वपूर्ण मंडियों में भी ब्यादगी लालमिर्च की आपूर्ति होने लगी है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार मकर संक्रांति के बाद नए माल की आवक तेजी से बढ़ने के आसार हैं।

ब्यादगी लालमिर्च का गहरा रंग एवं कम तीखापन इसे लोगों का पसंदीदा मसाला बनाता है और यह ओलियोरेसिन निर्माण के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। देश-विदेश में इसकी भारी मांग रहती है।

दिसम्बर 2023 में अब तक ब्यादगी, हुबली तथा गडग मंडियों में संयुक्त रूप से 3.50 लाख बोरी लालमिर्च की आवक हुई जो पिछले साल की समान अवधि की आपूर्ति 4.27 लाख बोरी से कम रही। लालमिर्च की प्रत्येक बोरी 30 किलो की होती है।

वर्तमान समय में पूल या ओरिजिनल ब्यादगी वैरायटी का भाव 55,000 रुपए प्रति क्विंटल के करीब चल रहा है जो पिछले साल के दाम 38,000 रुपए प्रति क्विंटल से काफी ऊंचा है। दूसरी ओर इसकी हाईब्रिड किस्म (सिनजेंटा 5531) का मूल्य गत वर्ष के 23,000 रुपए प्रति क्विंटल से घटकर इस बार 16,000 रुपए प्रति क्विंटल के करीब आ गया है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार वर्तमान समय में मंडियों में लालमिर्च की कुल आवक में हाईब्रिड श्रेणी के मुकाबले परम्परागत ब्यादगी वैरायटी (डब्बी तथा कड्डी) की भागीदारी कम देखी जा रही है इसलिए इसका भाव गत वर्ष से ऊंचा चल रहा है।

मसाला कंपनियों द्वारा चिली पाउडर के निर्माण में ब्यादगी हाईब्रिड लालमिर्च का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। लेकिन अभी इन कंपनियों की लिवाली की गति धीमी है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार कर्नाटक के कोल्ड स्टोरेज में फिलहाल लगभग 30 लाख बोरी लालमिर्च का बकाया स्टॉक मौजूद है जबकि इन शीतगृहों की कुल भंडारण क्षमता 70 लाख बोरी के आसपास है। मौजूद समय में मुख्यत: कर्नाटक के गैर परम्परागत उत्पादक क्षेत्रों से लालमिर्च की आवक हो रही है जबकि आगामी सप्ताहों में मुख्यत उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति जोर पकड़ सकती है।

मध्य जनवरी के बाद लालमिर्च की आवक एवं मांग (लिवाली) में भारी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। इस वर्ष कर्नाटक में सूखे की स्थिति के बावजूद लालमिर्च के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई। क्षेत्रफल करीब एक-तिहाई बढ़ने एवं बाद में मौसम सामान्य होने से ब्यादगी फसल की हालत काफी अच्छी हो गई है। कुंडगोल एवं अग्निगेरी में फसल बेहतर स्थिति में है।