महंगाई को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने रियायती दर पर मूंग दाल की बिक्री शुरू की

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नई दिल्ली। moong dal subsidized rate: बढ़ती खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र सरकार ने विभिन्न एजेंसियों के खुदरा आउटलेट पर गेहूं आटा, चना दाल एवं प्याज की बिक्री रियायती दाम पर शुरू की थी और अब इस सूची में मूंग की दाल भी शामिल हो गई है। ये सभी उत्पाद भारत ब्रांड नाम के तहत बेचे जा रहे हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकारी एजेंसी- नैफेड के खुदरा आउटलेट के जरिए 15 रुपए प्रति किलो की रियायत के साथ मूंग दाल की बिक्री की जा रही है जबकि जल्दी ही इसे अनेक अन्य आउटलेट पर तथा केन्द्रीय भंडार पर भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) के मोबाइल वैन के जरिए भी मूंग दाल की बिक्री की जाएगी।

अधिकारियों के अनुसार इस योजना के तहत साबुत मूंग का मूल्य 93 रुपए प्रति किलो तथा मूंग दाल का दाम 107 रुपए प्रति किलो नियत किया गया है। नैफेड द्वारा इस वर्ष किसानों से 7755 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग की खरीद की गई।

सब्सिडी या रियायत के बगैर इस मूंग की प्रोसेसिंग से निर्मित दाल का खर्च 123 रुपए प्रति किलो बैठ रहा है जो अखिल भारतीय स्तर पर इसके औसत खुदरा मूल्य 120 रुपए प्रति किलो से भी ऊंचा है। इसे देखते हुए सरकार को 15 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी देनी पड़ी ताकि उपभोक्ताओं को कम दाम पर इसे खरीदने का अवसर मिल सके।

वर्तमान समय में नैफेड के पास करीब 5 लाख टन मूंग का स्टॉक मौजूद है जो एक लाख टन के आवश्यक बफर स्टॉक से काफी अधिक है। नैफेड द्वारा थोक बाजार में अपने स्टॉक से चना तथा मूंग की बिक्री आगे भी जारी रखी जाएगी और साथ ही साथ इसकी दाल भी विभिन्न खुदरा की बिक्री शुरू की थी जिसमें एक किलो के पैक का दाम 60 रुपए रखा गया था लेकिन 30 किलो वाले पैक के लिए 55 रुपए प्रति किलो का मूल्य नियत किया गया था।