नई दिल्ली। GDP Of India: खपत में तेजी और पूंजी निवेश के बल पर दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है। एक साल पहले समान तिमाही में यह 6.2 फीसदी रही थी। हालांकि, इस साल अप्रैल-जून में यह चार तिमाहियों में सबसे अधिक 7.8 फीसदी रही थी। उसकी तुलना में गिरावट की आशंका है। सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े 30 नवंबर को जारी करेगी।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, 2023-24 की दूसरी तिमाही में विकास की गति लचीली थी। सरकारी पूंजीगत खर्च की तेज रफ्तार और खपत से भी अर्थव्यवस्था में तेजी बनी है। विकास की गति से इस महीने की शुरुआत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने अपने पूर्वानुमान को 1.40% बढ़ाकर 7.2% और 2023-24 के लिए 0.40% बढ़ाकर 6.5% कर दिया था।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, अप्रैल-जून को 7.8 प्रतिशत की विकास दर से 6.8 प्रतिशत तक की गिरावट संभवतः कृषि और सेवा क्षेत्रों के कारण हो सकती है। हालांकि, सेवा क्षेत्र की वृद्धि पिछली तिमाही के 10.3 प्रतिशत से घटकर लगभग 8.2 प्रतिशत रही है। फिर भी वह विकास का सबसे बड़ा चालक बना हुआ है।
औद्योगिक प्रदर्शन 7% रहेगा
औद्योगिक प्रदर्शन अप्रैल-जून में 5.5% से सुधरकर दूसरी तिमाही में 7% के करीब रह सकता है। कमजोर बारिश से कृषि को नुकसान पहुंचा, पर खनन और अन्य क्षेत्रों में गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिली।
एसएंडपी: 6.40% रहेगी वृद्धि दर
एसएंडपी ग्लोबल टिमा ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6.4% कर दिया है। पहले ये 6% था। हालॉक, अगले वित्त वर्ष के लिए अनुमान को 6.9% से घटाकर 6.4% कर दिया है। भारत मार्च 2024 तक ब्याज दरों में 0.1% की कटौती कर सकता है।
इनका अनुमान
स्टैंडर्ड चार्टर्ड- 7.2%
बैंक ऑफ बड़ौद- 6.7%
डीबीएस बैंक- 6.7%
बर्कलेज- 6.8% 7.00%
एसबीआई- 7.00%
नोमुरा- 7.1%